पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने नगर निगम चुनावों में देरी पर पंजाब सरकार से सवाल किए

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने शुक्रवार को 42 नगर निगम परिषदों और समितियों के चुनाव कराने में पंजाब सरकार की देरी पर सवाल उठाए, जिनका कार्यकाल काफी पहले ही समाप्त हो चुका है। कोर्ट की यह जांच ऐसे समय में की गई है, जब इन चुनावों को स्थगित करने को उचित ठहराने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से कोई अंतरिम आदेश मौजूद नहीं है।

मलेरकोटला निवासी बेअंत सिंह ने जनहित याचिका दायर कर हाईकोर्ट को बताया कि कई महीने पहले कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद 42 नगर निगमों के चुनाव नहीं हुए हैं, जिससे इन इलाकों में विकास कार्य ठप हो गए हैं। इनमें से अधिकांश नगर निगमों का कार्यकाल दिसंबर 2022 में समाप्त हो गया था।

READ ALSO  दिल्ली HC ने 0.33% अंकों से साक्षात्कार के लिए अर्हता प्राप्त करने में विफल न्यायिक सेवा के उम्मीदवार की याचिका खारिज की

संविधान के अनुसार नगर निगमों के लिए उनके मौजूदा कार्यकाल की समाप्ति से पहले चुनाव कराना अनिवार्य है। हालांकि, स्थानीय सरकार ने इस आदेश को गंभीरता से नहीं लिया। हालांकि स्थानीय निकाय विभाग ने 1 अगस्त 2023 को एक अधिसूचना जारी कर 1 नवंबर को चुनाव कराने की बात कही थी, लेकिन अभी तक चुनाव नहीं हुए हैं।

Also Read

READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में वृक्षों की गणना अनिवार्य की, बिना अनुमति के पेड़ों की कटाई पर रोक लगाई

याचिकाकर्ता ने चुनाव कराने के लिए सरकार को कानूनी नोटिस भी भेजा था, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ, जिसके चलते उन्होंने हाईकोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की। सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने संकेत दिया कि इस मामले को लेकर एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। हालांकि, जब हाईकोर्ट ने पूछा कि क्या सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव रोकने के लिए कोई अंतरिम आदेश जारी किया है, तो सरकार का जवाब नकारात्मक था, जिसके चलते हाईकोर्ट ने सवाल उठाया कि चुनाव अभी तक क्यों नहीं कराए गए।

READ ALSO  छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles