मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने जबलपुर फार्म में घोड़ों की मौत पर मांगी रिपोर्ट; कलेक्टर को 25 जून तक सौंपने का निर्देश

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने शुक्रवार को जबलपुर ज़िले के रायपुरा गांव स्थित एक निजी फार्म में रखे गए घोड़ों की देखभाल और उनकी स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट 25 जून तक पेश करने का निर्देश ज़िला कलेक्टर को दिया है। यह आदेश हाल ही में कई घोड़ों की मौत की खबरों के बाद दिया गया।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय साराफ की खंडपीठ ने यह निर्देश स्थानीय पशु अधिकार कार्यकर्ता सिमरन इस्सर की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि हैदराबाद स्थित हिथानेट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से 49 घोड़ों को बिना किसी वैध दस्तावेज़ या पशु चिकित्सा प्रमाणपत्र के जबलपुर लाया गया।

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याचिका के अनुसार, मई महीने में हीट स्ट्रोक के कारण कम से कम आठ घोड़ों की मौत हुई, जबकि हाल के दिनों में तीन और घोड़े मर गए। अदालत ने कलेक्टर को निर्देश दिया कि वह शेष बचे प्रत्येक घोड़े की स्वास्थ्य जांच कराएं और फार्म में उपलब्ध भोजन, पानी और आश्रय की स्थिति पर भी रिपोर्ट दें। पहले से हुई मौतों के कारणों की जांच रिपोर्ट भी मांगी गई है।

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याचिका में सचिन तिवारी को उत्तरदाता बनाया गया है और आरोप है कि उन्होंने इन घोड़ों को पशु क्रूरता निवारण अधिनियम का उल्लंघन करते हुए जबलपुर पहुंचाया। याचिकाकर्ता के वकील उमेश त्रिपाठी ने अदालत को बताया कि तिवारी का संबंध सुरेश पलाडुगु से है, जो हिथानेट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े हैं। यह कंपनी अक्टूबर 2023 में “UnThose Matchup Racing” नाम से फिलीपींस में ऑनलाइन घुड़दौड़ सट्टा प्लेटफॉर्म लॉन्च कर चुकी है।

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इससे पहले जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया था कि ज़िला पंचायत के सीईओ की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित की गई है, जो यह देखेगी कि घोड़ों की उचित देखभाल की जा रही है या नहीं।

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