दिल्ली हाईकोर्ट ने इंडियन पिकलबॉल एसोसिएशन को दी गई मान्यता से जुड़े रिकॉर्ड मांगे

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह इंडियन पिकलबॉल एसोसिएशन (IPA) को राष्ट्रीय खेल महासंघ के रूप में दी गई मान्यता से जुड़े सभी दस्तावेज अदालत के समक्ष पेश करे। यह आदेश ऑल इंडिया पिकलबॉल एसोसिएशन (AIPA) की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया गया, जिसमें खेल मंत्रालय द्वारा IPA को दी गई मान्यता को चुनौती दी गई है।

न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने यह आदेश 19 मई को पारित किया और केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह अपनी आधिकारिक प्रतिक्रिया रिकॉर्ड पर लाए। साथ ही, अदालत ने निर्देश दिया कि अगली सुनवाई की तारीख 23 मई को सभी आवश्यक दस्तावेज पेश किए जाएं।

READ ALSO  केवल वकील के माध्यम से अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल करने को अदालत के समक्ष उसकी उपस्थिति नहीं माना जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

उल्लेखनीय है कि IPA को 25 अप्रैल 2025 को मान्यता दी गई थी, जिसके बाद वह खेल मंत्रालय से वित्तीय सहायता प्राप्त करने और देशभर में पिकलबॉल खेल के प्रचार-प्रसार व संचालन हेतु अधिकृत हो गया।

Video thumbnail

हाईकोर्ट ने इससे पहले 1 मई को AIPA की याचिका पर केंद्र और IPA को नोटिस जारी किया था।

AIPA ने अपनी याचिका में कहा है कि वह वर्ष 2008 से अस्तित्व में है और देश में पिकलबॉल खेल के विकास में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। याचिका में आरोप लगाया गया कि केंद्र सरकार ने खेल विकास संहिता का उल्लंघन करते हुए सिर्फ 138 दिन पहले गठित IPA को मनमाने ढंग से मान्यता दे दी।

याचिका में कहा गया है, “IPA राष्ट्रीय खेल महासंघ का दर्जा धोखाधड़ीपूर्वक हथियाने का प्रयास कर रहा है,” और दावा किया गया कि IPA का खेल के क्षेत्र में कोई उल्लेखनीय योगदान नहीं है।

READ ALSO  दिल्ली हाईकोर्ट ने अल्पीनो हेल्थ फूड्स द्वारा ओट्स के खिलाफ अपमानजनक विज्ञापनों पर रोक लगाई

AIPA ने यह भी आरोप लगाया कि मंत्रालय ने उसकी याचिका की उपेक्षा की और IPA को दी गई मान्यता के समर्थन में कोई उचित कारण या दस्तावेज भी प्रस्तुत नहीं किए।

अब यह मामला 23 मई को फिर से हाईकोर्ट के समक्ष आएगा, जहां केंद्र सरकार से प्राप्त रिकॉर्ड और मान्यता देने के औचित्य पर विचार किया जाएगा।

READ ALSO  तारक मेहता का उल्टा चश्मा में बबीता जी का किरदार निभाने वाली मुनमुन दत्ता पर SC/ST Act के तहत मुकदमा दर्ज
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles