मथुरा POCSO कोर्ट ने दलित नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के दोषी को सुनाई फांसी की सज़ा

मथुरा की विशेष POCSO अदालत ने वर्ष 2020 में आठ वर्षीय दलित बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के दोषी को मौत की सज़ा सुनाई है। अदालत ने इस जघन्य अपराध को “रेयर ऑफ रेयरेस्ट” श्रेणी का मामला बताते हुए मंगलवार को फैसला सुनाया।

विशेष न्यायाधीश (POCSO कोर्ट-II) बृजेश कुमार (द्वितीय) ने आरोपी महेश उर्फ मसुआ पर ₹3.20 लाख का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने कहा कि जिस बर्बरता के साथ मासूम बच्ची पर अपराध किया गया, उसके लिए अधिकतम दंड ही उचित है।

यह वारदात 26 नवंबर 2020 की है, जब बच्ची अपनी मां के साथ जंगल से लकड़ी बीनने गई थी और वहीं से लापता हो गई। तलाश के बाद उसका शव जंगल में एक पुलिया के पास मिला, जो बेहद क्षत-विक्षत हालत में था।
पोस्टमार्टम में पुष्टि हुई कि बच्ची से दुष्कर्म किया गया और गला दबाकर हत्या की गई। उसकी गर्दन की हड्डियाँ टूटी हुई थीं और आंखें बाहर निकली हुई थीं।

Video thumbnail

प्रारंभ में पुलिस ने मामला अपहरण (धारा 363 IPC) के तहत दर्ज किया था, लेकिन जांच में बलात्कार, अप्राकृतिक कृत्य, हत्या और सबूत नष्ट करने की धाराएँ भी जोड़ी गईं। मौके से मिले फॉरेंसिक सबूत और आरोपी के फिंगरप्रिंट मिलने पर महेश, जो तिरौली-सुमाली गांव का निवासी है, गिरफ्तार किया गया।

लंबे ट्रायल के बाद अदालत ने बचाव पक्ष की सभी दलीलें खारिज कर महेश को दोषी ठहराया। उसे IPC की धारा 363 (अपहरण), 376 (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक कृत्य), 302 (हत्या), और 201 (सबूत मिटाने) के अलावा POCSO कानून और SC/ST (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराओं में भी दोषी पाया गया।

करीब साढ़े चार साल बाद आया यह फैसला मथुरा जिले में पिछले तीन वर्षों में बलात्कार और हत्या जैसे मामलों में सुनाई गई चौथी फांसी की सज़ा है।

अदालत ने कहा कि यदि जुर्माना अदा नहीं किया गया तो दोषी को अतिरिक्त एक वर्ष की कैद भी भुगतनी होगी।

READ ALSO  'स्वीटी', 'बेबी' हमेशा यौन टिप्पणियाँ नहीं होतीं: कलकत्ता हाईकोर्ट
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles