सुप्रीम कोर्ट ने ऑल इंडिया बार परीक्षा की फीस के खिलाफ दायर याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) द्वारा आयोजित ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन (एआईबीई) की फीस संरचना को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि परीक्षा आयोजित करने में बीसीआई को भारी खर्च उठाना पड़ता है और ₹3,500 शुल्क लेना असंवैधानिक नहीं है।

न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि देशभर में परीक्षा आयोजित करने के लिए बीसीआई बड़े पैमाने पर व्यय करता है, ऐसे में फीस वसूलना अनुचित या मनमाना नहीं माना जा सकता।

यह याचिका अधिवक्ता संयम गांधी ने दायर की थी। उन्होंने दलील दी थी कि वर्तमान शुल्क प्रणाली संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 19(1)(ग) (पेशे का अभ्यास करने का अधिकार) का उल्लंघन करती है। साथ ही यह अधिवक्ता अधिनियम, 1961 की धारा 24(1)(फ) के विपरीत है। याचिकाकर्ता ने बीसीआई को भविष्य में ऐसी फीस वसूलने से रोकने और एआईबीई-19 (2025) की आवेदन प्रक्रिया के तहत वसूली गई रकम वापस करने का निर्देश देने की मांग की थी।

Video thumbnail

याचिका के अनुसार, बीसीआई सामान्य और ओबीसी उम्मीदवारों से ₹3,500 के साथ अन्य शुल्क तथा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों से ₹2,500 के साथ अन्य शुल्क वसूलता है।

पीठ ने यह भी उल्लेख किया कि गांधी को पहले बीसीआई से संपर्क करने की सलाह दी गई थी, लेकिन उन्होंने सीधे अदालत का रुख किया। कोर्ट ने पाया कि फीस संरचना में कोई असंवैधानिक खामी नहीं है और याचिका को खारिज कर दिया।

READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट ने दोषी ठहराए गए सांसदों को राजनीति में फिर से प्रवेश की अनुमति देने वाले कानून की समीक्षा करेगा
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles