इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस यशवंत वर्मा की शपथग्रहण पर रोक की मांग, जनहित याचिका दायर

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है, जिसमें कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध किया गया है कि वे जस्टिस यशवंत वर्मा को शपथ न दिलाएं। यह याचिका उस विवाद के बाद सामने आई है जिसमें पिछले महीने एक आगजनी की घटना के बाद जस्टिस वर्मा के आवास से “चार से पांच अधजली बोरियों में भारतीय मुद्रा” बरामद होने की बात सामने आई थी।

यह याचिका विकास चतुर्वेदी द्वारा दाखिल की गई है और इसकी सुनवाई 4 अप्रैल को निर्धारित है। याचिका में कहा गया है कि इस घटना को लेकर भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) द्वारा एक इन-हाउस जांच का आदेश दिया गया है। जस्टिस वर्मा को हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट से इलाहाबाद हाईकोर्ट स्थानांतरित किया गया है और वे इस पूरे विवाद के केंद्र में हैं।

READ ALSO  बॉम्बे हाई कोर्ट ने मिलावट के आरोप में हिंदुस्तान कोका-कोला के खिलाफ कार्यवाही रद्द करने से किया इनकार

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक पांडे ने दलील दी कि भारत के प्रधान न्यायाधीश ने कथित रूप से इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को निर्देश दिया है कि जांच पूरी होने तक जस्टिस वर्मा को कोई न्यायिक कार्य न सौंपा जाए। पांडे ने तर्क दिया कि ऐसे हालात में शपथ समारोह कराना अनुचित होगा।

Video thumbnail

इसके अलावा, याचिका में केंद्र सरकार की 28 मार्च 2025 की वह अधिसूचना भी चुनौती दी गई है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश पर जस्टिस वर्मा का स्थानांतरण इलाहाबाद हाईकोर्ट में करने की पुष्टि की गई थी। याचिकाकर्ता का कहना है कि जब तक जांच पूरी न हो जाए, तब तक स्थानांतरण और शपथ प्रक्रिया दोनों पर रोक लगाई जानी चाहिए, ताकि न्यायपालिका की निष्पक्षता और पारदर्शिता बनी रहे।

READ ALSO  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार को राज्य भर में परित्यक्त मरीजों के चिकित्सा उपचार के लिए बजट और व्यवस्था निर्दिष्ट करने का निर्देश दिया
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles