अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शिकोहाबाद ने गुरुवार को धोखाधड़ी के दोषी को चार वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उस पर अर्थ दंड भी लगाया गया है। अर्थदंड न देने पर उसे अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
थाना जसराना के गांव कल्हारी निवासी सत्यनारायण पुत्र राजेंद्र शिक्षामित्र है। शिक्षामित्र रहते हुए उसने डीपीडी की ट्रेनिंग की। इस दौरान उसने शिक्षा मित्र का मानदेय भी प्राप्त किया। उसके खिलाफ सुबोध पाठक ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने विवेचना के बाद न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया।
मुकदमा अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शिकोहाबाद सुब्रत पाठक की अदालत में चला। एपीओ सत्य प्रकाश मिश्रा ने बताया मुकदमे के दौरान कई गवाहों ने गवाही दी। कई साक्ष्य न्यायालय के सामने प्रस्तुत किए गए। गवाहों की गवाही तथा साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने सत्यनारायण को दोषी माना। न्यायालय ने उसे 4 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने उस पर 30000 रुपए का अर्थ दंड लगाया है। अर्थ दंड न देने पर उसे 3 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
एपीओ ने बताया न्यायालय ने निर्णय में लिखा है शिक्षक से ऐसे कृत्य की अपेक्षा नहीं की जा सकती। जो समाज का पथ प्रदर्शक है उसी के द्वारा जघन्य अपराध कारित किया जाना न केवल समाज विरोधी है अपितु इससे आने वाली पीढ़ियों के लिए गलत संदेश जाता है।