जयपुर, जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने आठ साल की सौतेली बेटी के साथ कई बार शोषण करने वाले वकील पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर दो लाख एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त के वकील होकर नाबालिग से यौन संबंध के संबंध में कानून और सजा की जानकारी होने के बावजूद भी उसने पीडिता का कई बार यौन शोषण किया। अभियुक्त का दायित्व था कि वह पीडिता को सामाजिक सुरक्षा के साथ ही बाहरी लोगों से भी उसकी रक्षा करता, लेकिन उसने स्वयं ही कई बार उसका शोषण किया। ऐसे में अभियुक्त के प्रति नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता।
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने बताया कि पीडिता की मां की दूसरी शादी अभियुक्त वकील से वर्ष 2014 में हुई थी। पीडिता उसके पहले पति से उत्पन्न संतान है। शादी के बाद वह झुंझुनूं से आकर जयपुर रहने लगे। पीडिता की मां के नौकरी पर जाने के बाद अभियुक्त आठ साल की पुत्री के साथ अश्लील हरकते करने लगा। स्कूल के लिए तैयार होते समय अभियुक्त पीडिता को निर्वस्त्र करता और अश्लीलता करता।
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वहीं पीडिता के नहाते समय भी वह बाथरूम में जाकर उससे छेड़छाड़ करता। पीडिता की ओर से मां को शिकायत करने पर उसने अपनी कॉलेज की नौकरी छोड दी। वहीं 28 फरवरी, 2016 को पीडिता छत पर खेल रही थी। इसी दौरान अभियुक्त भी छत पर चला गया। काफी देर तक पीडिता की आवाज नहीं आने पर उसकी मां छत पर देखने गई। इस दौरान अभियुक्त पीडिता के साथ छत पर बने कमरे में मिला।
पीडिता की मां ने देखा की अभियुक्त ने पीडिता के कपड़ों में हाथ डाल रखा था और पीडिता से अश्लील हरकतें कर रहा था। जब उसने इसका विरोध किया तो अभियुक्त ने उसके साथ मारपीट की और कमरे में बंद कर दिया। इसके बाद मई माह में भी अभियुक्त ने पीडिता की मां को सोता देखकर पीडिता के साथ अश्लील हरकत की। आखिर में तंग आकर पीडिता की मां ने एक जून, 2016 को वैशाली नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया।