कर्नाटक में चार फीसदी मुस्लिम आरक्षण खत्म करने का मामला, सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई तक टाली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक में 4 फीसदी मुस्लिम आरक्षण खत्म किए जाने के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई 25 जुलाई तक के लिए टाल दी है। आज राज्य सरकार ने सुनवाई टालने का आग्रह किया था। इस दरम्यान नई नीति के आधार पर कोई भी दाखिला या नौकरी में भर्ती नहीं की जाएगी।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील दुष्यंत दवे ने कोर्ट का ध्यान गृहमंत्री अमित शाह के उस बयान की ओर दिलाया, जिसमें उन्होंने कहा था कि हमने मुस्लिम आरक्षण को खत्म कर दिया है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब मामला कोर्ट में विचाराधीन हो तो ऐसे सार्वजनिक बयान नहीं दिए जाने चाहिए।

READ ALSO  भारतीय न्याय संहिता अधिनियम 2023: क्या बदला? जानें प्रमुख बिंदु

13 अप्रैल को कर्नाटक सरकार ने कोर्ट को आश्वस्त किया था कि इस फैसले के मुताबिक राज्य में कोई दाखिला या नौकरी में भर्ती नहीं की जाएगी। 13 अप्रैल को कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी किया था।

Play button

उल्लेखनीय है कि कर्नाटक सरकार ने राज्य में मुस्लिम समुदाय के लिए चार फीसदी आरक्षण के प्रावधान को खत्म कर दिया। मुसलमानों के अब तक दिए जाने वाले चार फीसदी आरक्षण को वोक्कालिगा और लिंगायत के बीच बांट दिया गया है। कर्नाटक सरकार के इस फैसले को अंजुमन-ए-इस्लाम संस्था ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

READ ALSO  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सिद्दीकी कप्पन को जमानत देने से किया इनकार

याचिका में कहा गया है कि कर्नाटक सरकार का मुस्लिम समुदाय को पिछड़े वर्ग की सूची से बाहर करने का फैसला संविधान का उल्लंघन है। याचिका में कहा गया है कि यह फैसला पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा दी गई किसी भी रिपोर्ट या सलाह पर आधारित नहीं है, क्योंकि कर्नाटक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम 1995 के तहत एक वैधानिक रूप में इसे पास किया जाना जरूरी है। याचिका में राज्य सरकार के इस फैसले को राजनीति से प्रेरित बताते हुए आदेश को रद्द करने की मांग की गई है।

READ ALSO  कुतुब मीनार पूजा स्थल नहीं है: ASI ने दिल्ली कोर्ट में कहा
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles