सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भी टालमटोल कर रहा था कोयला तस्करी का आरोपित, न्यायाधीश ने कोर्ट में गिरफ्तार करवाया

पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित कोयला तस्करी मामले के मुख्य सूत्रधार विनय मिश्रा के भाई विकास मिश्रा को एक बार फिर सीबीआई ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया है। वह आसनसोल की विशेष सीबीआई कोर्ट में पेशी के लिए आया था। वहीं से न्यायाधीश राजेश चक्रवर्ती ने उसे सीबीआई को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। वह चार दिनों की हिरासत में रहेगा। मंगलवार को मामले की अगली सुनवाई होगी।

विकास को केंद्रीय एजेंसी ने पहले ही गिरफ्तार था लेकिन कोर्ट ने जमानत दे दी थी जिसके बाद वह बाहर निकल गया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट में केंद्रीय एजेंसी ने याचिका लगाकर दावा किया कि विकास इस मामले का मुख्य कड़ी है और उसे हिरासत में रखने की जरूरत है। करीब एक महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने उसे चार दिनों की सीबीआई हिरासत में रखने का आदेश दिया था लेकिन उसके बाद से वह लगातार आसनसोल की विशेष सीबीआई कोर्ट में याचिका लगाकर टालमटोल कर रहा था। शुक्रवार को एक बार फिर वह पेशी के लिए आया था और याचिका लगाकर न्यायाधीश से अधिवक्ता के जरिए कहलवाया कि वह इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाने की तैयारी कर रहा है। इसके बाद न्यायाधीश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो पहले आदेश दिया है पहले उसका पालन करना मेरा कर्तव्य है। मैं कुछ नहीं सुनना चाहता हूं।

वहां सीबीआई के अधिकारी उमेश कुमार मौजूद थे। न्यायाधीश ने उनसे पूछा कि क्या वह विकास को गिरफ्तार करने के लिए तैयार है जिसके बाद उसने कहा कि बिल्कुल तैयार हैं। इसके बाद न्यायाधीश ने कहा कि चार दिनों की हिरासत में ले जाइए। मंगलवार को फिर कोर्ट में पेश करिएगा।

Video thumbnail

उल्लेखनीय है कि मवेशी तस्करी के आरोपितों में से एक और मुख्य सूत्रधार विनय मिश्र भारत छोड़कर वानअतु नाम के द्वीप पर जा बसा है। वह वहां की नागरिकता भी ले चुका है और अपने मां बाप को भी ले गया है। हालांकि उसके भाई विकास को केंद्रीय एजेंसी ने गिरफ्तार कर लिया था। दोनों भाई सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस की युवा शाखा के सक्रिय नेता थे। विनय मिश्रा तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल युवा के महासचिव रहे अभिषेक का बेहद खास बताया जा रहा था। इसलिए इस मामले में केंद्रीय एजेंसियों ने अभिषेक बनर्जी, उनकी पत्नी और साली से भी कई दफे पूछताछ की

READ ALSO  "पार्टियाँ वरिष्ठ नागरिक हैं" कहकर हाई कोर्ट ने मानवीय आधार पर तलाक मंज़ूर की अर्ज़ी की
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles