कर्नाटक हाईकोर्ट ने पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना की जमानत याचिका पर सुनवाई की, जो वर्तमान में होलनरसिपुर टाउन पुलिस स्टेशन और आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) द्वारा दायर बलात्कार और यौन उत्पीड़न के आरोपों में न्यायिक हिरासत में हैं। न्यायमूर्ति कृष्ण एस. दीक्षित की अध्यक्षता वाली अदालत ने रेवन्ना द्वारा प्रस्तुत याचिकाओं पर विचार-विमर्श करने के बाद विशेष जांच दल (एसआईटी) को नोटिस जारी किया।
इन गंभीर आरोपों में हिरासत में लिए गए प्रज्वल रेवन्ना ने आवेदनों के माध्यम से नियमित जमानत मांगी। हालांकि, कार्यवाही के संबंध में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार द्वारा आपत्तियां उठाई गईं, जिसके कारण सुनवाई स्थगित करनी पड़ी। उल्लेखनीय है कि सीआईडी ने इसी तरह के आरोपों से संबंधित दूसरी एफआईआर दर्ज की है, लेकिन रेवन्ना को इस दूसरे मामले के संबंध में अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है, जिसके कारण उन्हें अग्रिम जमानत के लिए आवेदन करना पड़ा।
कार्यवाही के दौरान, अदालत ने पूछा कि क्या सीआईडी द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर अग्रिम जमानत दी जा सकती है। इसके बाद, अदालत ने सरकार को जमानत आवेदन के संबंध में आपत्तियां दर्ज करने का निर्देश देने के बाद सुनवाई स्थगित कर दी।
Also Read
प्रज्वल रेवन्ना होलेनरसीपुर टाउन पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ दर्ज एक मामले में उलझे हुए हैं, जहां उन पर बलात्कार का आरोप है। सीआईडी ने हाल ही में उन्हीं आरोपों से संबंधित दूसरी एफआईआर दर्ज की है। आरोपों की गंभीर प्रकृति के बावजूद, अब तक दूसरे मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। होलेनरसीपुर में एफआईआर के संबंध में जमानत से इनकार करने के 26 जून, 2024 को एक विशेष अदालत के फैसले के बाद, रेवन्ना ने नियमित जमानत की मांग करते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसके कारण वर्तमान कानूनी कार्यवाही शुरू हुई है।