हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का आदेश: HPPSC के गैर-सरकारी अध्यक्ष व सदस्यों की पेंशन को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़कर संशोधित करें

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (HPPSC) के गैर-सरकारी अध्यक्ष और सदस्यों की पेंशन से जुड़ी अधिसूचना में संशोधन करे और इसे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) से जोड़े।

यह आदेश पूर्व अध्यक्ष केएस तोमर की ओर से दायर एक याचिका के जवाब में दिया गया, जिसमें 12 मार्च 2004 की अधिसूचना के तहत निर्धारित पेंशन व्यवस्था की समीक्षा की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि जीवन यापन की लागत में भारी वृद्धि के बावजूद इस अधिसूचना में आज तक कोई बदलाव नहीं किया गया है।

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न्यायमूर्ति तरलोक चौहान और न्यायमूर्ति सुशील कुक्रेजा की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा, “यह निर्विवाद है कि हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्य हिमाचल प्रदेश लोक सेवा (सदस्य) विनियम, 1974 के तहत पेंशन के पात्र हैं। हालांकि, मार्च 2004 से पेंशन की व्यवस्था में कोई संशोधन नहीं हुआ है।”

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अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह 2004 की अधिसूचना की पुनर्समीक्षा करे और उसमें CPI तथा केरल हाईकोर्ट के एक निर्णय को ध्यान में रखते हुए संशोधन करे। यह प्रक्रिया आगामी सुनवाई से पूर्व, जो 17 जून 2025 को निर्धारित है, पूरी की जानी चाहिए।

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इस निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए याचिकाकर्ता केएस तोमर ने कहा, “मुझे न्यायपालिका पर पूरा विश्वास था, और आज वह विश्वास सही साबित हुआ है। यह निर्णय न केवल एक लंबे समय से चली आ रही अनदेखी को सुधारता है, बल्कि अन्य राज्य लोक सेवा आयोगों के लिए भी एक मिसाल पेश करता है।”

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