नाबालिगों को शराब और हुक्का परोसने के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने क्लब मालिकों के खिलाफ आरोप तय किए जाने को बरकरार रखा

दिल्ली हाईकोर्ट ने नाबालिगों को शराब और हुक्का परोसने के आरोप में दो क्लब मालिकों के खिलाफ आरोप तय किए जाने को सही ठहराया है। जस्टिस स्वराणा कांता शर्मा की पीठ ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि क्लब मालिकों की यह “अप्रतिहारी जिम्मेदारी” है कि उनके परिसरों में कोई भी गैरकानूनी गतिविधि न हो।

यह मामला अक्टूबर 2019 में एक 13 वर्षीय लड़की के लापता होने के बाद सामने आया था। पहले तो पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज किया, लेकिन दिसंबर 2019 में उक्त लड़की एक अन्य 10 वर्षीय बच्ची के साथ मिली, जिनके शराब और हुक्के के संपर्क में आने की बात सामने आई। ये दोनों लड़कियां नेताजी सुभाष प्लेस स्थित दो क्लबों में पाई गई थीं।

READ ALSO  बॉम्बे हाई कोर्ट ने प्रदूषण मुक्त पर्यावरण को संवैधानिक अधिकार माना, निष्क्रियता के लिए अधिकारियों की आलोचना की

अपने बयान में लड़की ने बताया कि वह उन क्लबों में गई थी, जहां उसे कई लोगों से मिलवाया गया और बार-बार शराब व हुक्का दिया गया। उसने यह भी बताया कि घर से भागने के बाद वह एक युवक के प्रभाव में थी, जिसने उसे इन क्लबों से परिचित कराया। लड़की ने यह भी खुलासा किया कि क्लब के एक बाउंसर द्वारा उसके ठहरने की व्यवस्था की जाती थी, जब तक कि पुलिस ने एक महिला के मोबाइल नंबर को ट्रेस कर उसकी लोकेशन का पता नहीं लगा लिया।

क्लब मालिकों ने निचली अदालत द्वारा आरोप तय किए जाने को चुनौती दी थी। उनके खिलाफ सबूत नष्ट करने, पोक्सो कानून के तहत अपराधों की सूचना न देने, और नाबालिगों को नशीले पदार्थ परोसने जैसे आरोप लगाए गए थे। हालांकि, हाईकोर्ट ने उनकी याचिकाएं खारिज कर दीं और पाया कि आरोप तय करने की प्रक्रिया में कोई त्रुटि नहीं थी।

जस्टिस शर्मा ने कहा कि आरोप तय करने के चरण में अदालत को केवल अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर प्रथम दृष्टया मामला देखना होता है। आरोपियों की भूमिका और उनकी संलिप्तता की गहराई से जांच ट्रायल के दौरान की जाएगी।

READ ALSO  उत्तर प्रदेश में सहायक शिक्षकों की भर्ती में ईडब्ल्यूएस आरक्षण की मांग वाली याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट से खारिज

अभियोजन पक्ष का तर्क था कि क्लब मालिक आर्थिक तंगी के चलते जानबूझकर नाबालिगों को निशाना बना रहे थे और क्लबों में शराब व हुक्के की पार्टियां आयोजित कर रहे थे ताकि कमाई बढ़ाई जा सके। यह भी आरोप लगाया गया कि उन्होंने जानबूझकर सीसीटीवी फुटेज को मिटा दिया ताकि जांच में बाधा पहुंचाई जा सके।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles