उत्तर प्रदेश के संभल में स्थित शाही जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर को लेकर जारी कानूनी विवाद में, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई को 5 मई, 2025 तक के लिए स्थगित कर दिया है। यह फैसला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा अतिरिक्त समय मांगे जाने के बाद लिया गया।
मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने एएसआई के हलफनामे के जवाब के लिए 48 घंटे का समय दिया है। इसके बाद शाही जामा मस्जिद प्रबंधन समिति को अपनी प्रतिक्रिया दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का अतिरिक्त समय प्रदान किया गया है।
यह मामला मस्जिद प्रबंधन समिति द्वारा दायर एक पुनरीक्षण याचिका से जुड़ा है, जिसमें संभल की एक निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण कराने के लिए एक एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति का निर्देश दिया गया था। हाईकोर्ट ने फिलहाल इस आदेश पर 5 मई तक के लिए रोक लगा दी है।

विवाद की जड़ हरि शंकर जैन और सात अन्य वादियों के दावे से जुड़ी है, जिन्होंने आरोप लगाया है कि शाही जामा मस्जिद एक मंदिर को ध्वस्त करने के बाद बनाई गई थी। इन वादियों ने मस्जिद परिसर में प्रवेश के अधिकार की भी मांग की है।