कर्नाटक हाईकोर्ट ने निजी संगठनों की गतिविधियों पर पूर्व अनुमति संबंधी राज्य सरकार के आदेश पर रोक लगाई

सिद्धरामैया के नेतृत्व वाली कर्नाटक कांग्रेस सरकार को झटका देते हुए, कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार के हालिया आदेश पर रोक लगा दी, जिसके तहत निजी संगठनों को सरकारी परिसरों या सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी गतिविधि से पहले अनुमति लेना अनिवार्य किया गया था।

राज्य सरकार ने 18 अक्टूबर को यह आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि कोई भी निजी संस्था, संगठन या समूह यदि सरकारी संपत्ति या सार्वजनिक स्थान का उपयोग करना चाहता है, तो उसे पहले सरकार से अनुमति लेनी होगी।

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हालांकि आदेश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया गया था, लेकिन माना जा रहा था कि यह कदम संघ की शाखाओं और मार्ग-संघर्षण जैसे कार्यक्रमों को प्रभावित करने के उद्देश्य से उठाया गया था। यह निर्णय हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया था, जो कि पंचायत राज एवं आईटी/बीटी मंत्री प्रियांक खड़गे के मुख्यमंत्री सिद्धरामैया को लिखे पत्र के बाद आया था। खड़गे ने अपने पत्र में सार्वजनिक स्थानों पर आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।

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राज्य की विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस कदम की तीखी आलोचना की थी और आरोप लगाया था कि सरकार का यह आदेश राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है और संघ की गतिविधियों को रोकने के उद्देश्य से जारी किया गया है।

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हाईकोर्ट ने अंतरिम राहत देते हुए सरकार के आदेश पर रोक लगा दी, जिससे अब फिलहाल निजी संगठनों को सरकारी या सार्वजनिक परिसरों में अपनी गतिविधियों के लिए पूर्व अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी।

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