फिल्ममेकर और प्रोड्यूसर करन जौहर ने अपने व्यक्तित्व और प्रचार संबंधी अधिकारों (Personality and Publicity Rights) की सुरक्षा के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनकी अनुमति के बिना उनके नाम और तस्वीर का इस्तेमाल कर मर्चेंडाइज़ बेचा जा रहा है।
यह मामला सोमवार को जस्टिस मनमीत पीएस अरोड़ा की अदालत में आया। अदालत ने जौहर के वकील से कुछ स्पष्टीकरण मांगे और मामले की आगे की सुनवाई दोपहर 4 बजे के लिए सूचीबद्ध की।
जौहर ने यह भी आग्रह किया है कि अदालत कुछ वेबसाइटों और प्लेटफ़ॉर्म्स को निर्देश दे कि वे उनके नाम, तस्वीर या समानता का इस्तेमाल कर अवैध रूप से मग, टी-शर्ट और अन्य वस्तुएं बेचना बंद करें।

जौहर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजशेखर राव ने दलील दी— “मुझे यह अधिकार है कि कोई भी व्यक्ति मेरी अनुमति के बिना मेरे व्यक्तित्व, चेहरे या आवाज़ का इस्तेमाल न करे।”
याचिका में इस बात पर ज़ोर दिया गया है कि जौहर को अपने “पब्लिसिटी राइट” यानी व्यक्तित्व अधिकार प्राप्त हैं— जो किसी व्यक्ति को अपने नाम, छवि और पहचान की सुरक्षा, नियंत्रण और उससे लाभ कमाने का कानूनी अधिकार देता है।
अदालत इस मामले की आगे की सुनवाई दिन में बाद में जारी रखेगी।