कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता बसवराज बोम्मई के खिलाफ दर्ज दो हेट स्पीच (घृणा भाषण) की एफआईआर को रद्द कर दिया। ये एफआईआर नवंबर 2024 में एक विरोध रैली के दौरान दिए गए भाषण को लेकर दर्ज की गई थीं।
न्यायमूर्ति एस.आर. कृष्ण कुमार ने निर्णय सुनाते हुए कहा कि बोम्मई द्वारा रैली में दिए गए बयान भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 196(1)(a) के तहत विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने वाले अपराध की श्रेणी में नहीं आते। कोर्ट ने यह भी कहा कि आरोप अस्पष्ट हैं और उनके आधार पर आपराधिक कार्यवाही चलाना उचित नहीं होगा।
ये एफआईआर हावेरी ज़िले के सावनूर तालुका में भाजपा द्वारा आयोजित एक विरोध प्रदर्शन के दौरान दिए गए बोम्मई के भाषण पर आधारित थीं, जिसमें उन्होंने कर्नाटक वक्फ बोर्ड और कांग्रेस सरकार पर किसानों और मंदिरों की ज़मीन पर कब्ज़ा करने का आरोप लगाया था। बोम्मई ने रैली में कहा था कि “अगर सावनूर में कहीं भी पत्थर फेंको, तो वह वक्फ की ज़मीन पर ही गिरेगा”—इस बयान के बाद उन पर हेट स्पीच का मामला दर्ज किया गया था।

न्यायमूर्ति कुमार ने अपने आदेश में कहा:
“यदि शिकायत और एफआईआर को न्यायिक सिद्धांतों के प्रकाश में देखा जाए, तो यह स्पष्ट है कि ‘जहां भी पत्थर फेंको, वक्फ की ज़मीन पर ही गिरेगा’—इस बयान के अलावा कोई ऐसा आरोप नहीं है जो अपराध की आवश्यक शर्तों को पूरा करता हो।”
उन्होंने आगे कहा कि ऐसे “अस्पष्ट, सामान्य, बिना ठोस आधार वाले और संक्षिप्त आरोपों” के आधार पर आपराधिक कार्यवाही को आगे बढ़ाना न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा।