सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को 2002 के नितीश कटारा हत्याकांड में दोषी सुखदेव यादव उर्फ पहलवान को तीन महीने की फरलो (अस्थायी रिहाई) देने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति उज्जल भुयान और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने यह निर्णय इस आधार पर लिया कि यादव ने अब तक बिना किसी छूट के लगातार 20 वर्षों की सजा काटी है।
शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि यादव को सात दिनों के भीतर ट्रायल कोर्ट के समक्ष पेश किया जाए, जहां उचित शर्तों के साथ उसे फरलो पर रिहा किया जाएगा। अदालत ने स्पष्ट किया कि फरलो न तो सजा की माफी है और न ही उसे निलंबित करने का उपाय, बल्कि यह लंबे समय से सजा भुगत रहे कैदियों को दी जाने वाली अस्थायी रिहाई है।
सुखदेव यादव ने दिल्ली हाईकोर्ट के नवंबर 2024 के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उसे तीन सप्ताह की फरलो देने से इनकार कर दिया गया था। हाईकोर्ट ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए याचिका खारिज कर दी थी।

यादव, विकास यादव और विशाल यादव के साथ मिलकर नितीश कटारा की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था। आरोप है कि 16-17 फरवरी 2002 की रात को तीनों ने नितीश को एक शादी समारोह से अगवा कर लिया था और बाद में उसकी हत्या कर दी, क्योंकि वह भूतपूर्व उत्तर प्रदेश के राजनेता डी.पी. यादव की बेटी भारती यादव के साथ प्रेम संबंध में था।
सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2016 में तीनों की सजा को बरकरार रखते हुए विकास और विशाल यादव को बिना किसी छूट के 25 साल की सजा सुनाई थी, जबकि सुखदेव यादव को 20 साल की सजा दी गई थी। ट्रायल कोर्ट ने इस हत्याकांड को “ऑनर किलिंग” बताया था, जो जातिगत पूर्वाग्रह से प्रेरित थी।
अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सुखदेव यादव की सशर्त रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। फरलो की अंतिम शर्तें ट्रायल कोर्ट द्वारा निर्धारित की जाएंगी।