फैमिली कोर्ट ने 15 वर्षों तक वैवाहिक संबंधों से इनकार को माना क्रूरता, पति को तलाक की मंजूरी दी

जयपुर की एक फैमिली कोर्ट ने बुधवार को एक व्यक्ति को तलाक की अनुमति देते हुए माना कि उसकी पत्नी द्वारा लगातार 15 वर्षों तक वैवाहिक संबंधों से इनकार करना और मानसिक प्रताड़ना देना तलाक का वैध आधार है।

फैसला फैमिली कोर्ट के जज पवन कुमार गर्ग ने सुनाया। उन्होंने कहा कि पत्नी का व्यवहार लगातार शारीरिक और मानसिक क्रूरता की श्रेणी में आता है और इससे वैवाहिक जीवन पूरी तरह टूट चुका है।

READ ALSO  सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर यूपी के पत्रकार के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही खत्म करने से हाईकोर्ट का इनकार

एडवोकेट डी. एस. शेखावत के अनुसार, यह दंपती 3 नवंबर 2003 को विवाह बंधन में बंधा था। पति, जो एक ट्रैवल एजेंसी चलाते हैं, ने साल 2021 में तलाक की अर्जी दाखिल की थी। उन्होंने कहा कि विवाह के बाद से जून 2018 तक उनकी पत्नी, जो एक सरकारी शिक्षिका हैं, ने शारीरिक संबंधों से हमेशा इनकार किया और बार-बार झगड़े करती रहीं। इसके अलावा, उन्होंने पति पर झूठे घरेलू हिंसा और दहेज प्रताड़ना के आरोप लगाए और कई बार आत्महत्या की धमकी भी दी।

Video thumbnail

कोर्ट ने पाया कि यह व्यवहार पति के लिए मानसिक और शारीरिक क्रूरता का कारण बना। कोर्ट ने इस बात पर भी ध्यान दिया कि पत्नी ने तलाक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद ही पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई, जिसे न्यायालय ने एक और प्रकार की क्रूरता माना।

READ ALSO  आधी रात को हमला दुर्भावनापूर्ण इरादे का सबूत: हाई कोर्ट ने अग्रिम जमानत देने से किया इनकार

जज गर्ग ने अपने आदेश में कहा कि इस विवाह संबंध का पूरी तरह से अंत हो चुका है और “क्रूरता” व “वैवाहिक संबंधों के अपरिवर्तनीय रूप से टूटने” के आधार पर तलाक दिया जाता है।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles