दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला: “पूर्व घटनाएं धार्मिक आयोजनों में बाधा नहीं बन सकती”

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि किसी पूर्व अप्रिय घटना के आधार पर धार्मिक आयोजनों, जैसे कि जहांगीरपुरी में प्रस्तावित हनुमान जयंती शोभायात्रा, को रोका नहीं जा सकता। अदालत ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि वे 12 अप्रैल को प्रस्तावित शोभायात्रा की अनुमति को अस्वीकार करने के अपने पूर्व निर्णय पर पुनर्विचार करें।

यह मामला न्यायमूर्ति सचिन दत्ता के समक्ष उस याचिका के तहत आया जिसमें पुलिस द्वारा अनुमति न दिए जाने को चुनौती दी गई थी। याचिका में यह तर्क दिया गया कि भले ही वर्ष 2022 में हनुमान जयंती के दौरान हिंसक झड़प हुई थी जिसमें आठ पुलिसकर्मी और एक आम नागरिक घायल हुए थे, फिर भी धार्मिक परंपराओं का निर्वहन जारी रहना चाहिए।

READ ALSO  बॉम्बे हाई कोर्ट ने पत्नी को बेरोजगार पति को गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया

9 अप्रैल को पारित आदेश में अदालत ने पुलिस की कानून-व्यवस्था संबंधी चिंताओं को स्वीकार करते हुए यह भी स्पष्ट किया कि हर आयोजन का मूल्यांकन वर्तमान परिस्थितियों के आधार पर किया जाना चाहिए, न कि केवल किसी पिछली घटना के कारण उसे रोका जाए। न्यायमूर्ति दत्ता ने कहा, “यह उत्तरदाताओं/पुलिस अधिकारियों का दायित्व है कि वे पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करें।”

Video thumbnail

याचिकाकर्ता, जो 2010 से हनुमान जयंती की शोभायात्रा का आयोजन करते आ रहे हैं, ने बताया कि 2019 से लगातार उन्हें अनुमति नहीं दी जा रही है। अदालत ने अब याचिकाकर्ता को निर्देश दिया है कि वे एक नया आवेदन दें जिसमें शोभायात्रा का प्रस्तावित मार्ग और अवधि स्पष्ट रूप से दर्ज हो, ताकि पुलिस की कानून-व्यवस्था संबंधी चिंताओं का समाधान किया जा सके।

READ ALSO  दिल्ली दंगे: हाईकोर्ट ने बृंदा करात से पुलिस के खिलाफ जांच से संबंधित एफआईआर देने को कहा
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles