भारतीय न्यायपालिका के लिए एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, मद्रास और बॉम्बे हाईकोर्टों के 7 न्यायाधीशों को स्थायी नियुक्तियाँ दी गई हैं, और एक अपर न्यायाधीश को नया कार्यकाल दिया गया है। इन परिवर्तनों से इन हाईकोर्टों में न्यायिक प्रणाली को मज़बूती मिलने की उम्मीद है।
मद्रास हाईकोर्ट की नियुक्तियाँ
मद्रास हाईकोर्ट के चार अपर न्यायाधीशों को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया है। यह निर्णय न्यायपालिका में उनके योगदान और बढ़ी हुई ज़िम्मेदारियों को संभालने की उनकी क्षमता को रेखांकित करता है। नव नियुक्त स्थायी न्यायाधीश हैं:

1. न्यायमूर्ति रामासामी शक्तिवेल
2. न्यायमूर्ति पी. धनबल
3. न्यायमूर्ति चिन्नासामी कुमारप्पन
4. न्यायमूर्ति कंडासामी राजशेखर
उनकी पदोन्नति से मद्रास हाईकोर्ट की कार्यकुशलता और क्षमता में वृद्धि होने की उम्मीद है।
बॉम्बे हाईकोर्ट की नियुक्तियाँ
इसी तरह, बॉम्बे हाईकोर्ट के तीन अपर न्यायाधीशों को उनकी न्यायिक कुशलता और सेवा को मान्यता देते हुए स्थायी न्यायाधीश का दर्जा दिया गया है। नियुक्त किए गए लोग हैं:
1. न्यायमूर्ति शैलेश प्रमोद ब्रह्मे
2. न्यायमूर्ति फिरदौस फिरोज पूनीवाला
3. न्यायमूर्ति जितेंद्र शांतिलाल जैन
इस कदम से बॉम्बे हाईकोर्ट के कामकाज को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जो विभिन्न प्रकार के और पर्याप्त मात्रा में मामलों को संभालता है।
अपर न्यायाधीश के कार्यकाल का विस्तार
इन पदोन्नतियों के अलावा, न्यायमूर्ति श्रीमती मंजूषा अजय देशपांडे, बॉम्बे हाईकोर्ट की अपर न्यायाधीश, को 12 अगस्त, 2025 से प्रभावी एक वर्ष के नए कार्यकाल के लिए फिर से नियुक्त किया गया है।