ईडी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए मनीष सिसौदिया की जमानत का विरोध किया

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली शराब नीति मामले में गंभीर आरोपों का हवाला देते हुए दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर आपत्ति जताई। सोमवार को यहां एक स्थानीय अदालत में सुनवाई के दौरान जांच एजेंसी ने दलील दी कि मुकदमे में देरी गंभीर मामलों में जमानत का आधार नहीं हो सकती। ईडी ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी हवाला दिया।

ईडी ने कहा, “अगर सिसौदिया के वकील मुकदमे में देरी का हवाला देकर जमानत के लिए दबाव बना रहे हैं, तो उन्हें हलफनामा दाखिल करना चाहिए।” एजेंसी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि उन्होंने पहले अदालत को बड़ी संख्या में दायर आवेदनों के बारे में सूचित किया था, जिसका अर्थ है कि कार्यवाही की गति को केवल उनके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।

READ ALSO  आत्मसमर्पण की अवधि समाप्त होने से पहले आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अवमानना याचिका में सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया

आप नेता की जमानत याचिका का विरोध करते हुए ईडी ने टिप्पणी की, ”सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 21 का हवाला दिया है, जिसमें कहा गया है कि यदि अपराध गंभीर है, तो केवल देरी अंतरिम जमानत का आधार नहीं हो सकती है।” हाल ही में हाई कोर्ट ने भी महत्वपूर्ण टिप्पणी की थी जांच में भाग न लेने के संबंध में।”

Play button

दिल्ली शराब नीति घोटाले में सिसौदिया और अन्य के खिलाफ मामला लगातार जारी है, ईडी न्याय की तलाश में दृढ़ है। ईडी का विरोध आरोपों की गंभीरता और मामले से जुड़ी कानूनी जटिलताओं को रेखांकित करता है। जैसे-जैसे कानूनी कार्यवाही आगे बढ़ रही है, सभी की निगाहें सिसौदिया की जमानत याचिका पर अदालत के फैसले पर टिकी हुई हैं।

READ ALSO  देश में सबसे ज्यादा PIL (जनहित याचिका) इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल हुई है: कानून मंत्री किरेन रिजिजू
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles