बुधवार को राजस्थान विधानसभा में अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम (Advocate Protection Bill) पेश किया गया। सदन में मंत्री शांति धारीवाल की ओर से बिल पेश किया गया। इसके बाद वकीलों ने खुशी जाहिर की। इस विधेयक के 22 मार्च को विधानसभा द्वारा पारित होने की उम्मीद है।
बिल (Advocate Protection Bill) का संक्षिप्त विवरण:
इस विधेयक (Advocate Protection Bill) का उद्देश्य अधिवक्ताओं के खिलाफ मारपीट, गंभीर चोट, आपराधिक बल और आपराधिक धमकी के अपराधों और अधिवक्ता की संपत्ति को नुकसान या नुकसान की रोकथाम के लिए प्रदान करना।
विधेयक की धारा 3 न्यायालय परिसर में अधिवक्ता के कर्तव्यों के निर्वहन के संबंध में अधिवक्ताओं पर हमला, गंभीर चोट, आपराधिक बल और आपराधिक धमकी को निषेध करती है
धारा 4 (Advocate Protection Bill) में प्रावधान है कि एक वकील द्वारा उसके खिलाफ किए गए अधिनियम की धारा 3 में उल्लिखित किसी अपराध के संबंध में पुलिस को दी गई किसी भी रिपोर्ट पर, पुलिस, यदि उचित समझे, तो उसे निर्धारित अवधि के लिए और इस तरह से सुरक्षा प्रदान कर सकती है।
धारा 5 वकीलों के खिलाफ अपराधों के लिए दंड से संबंधित है, जिसमे दो वर्ष तक कि जेल और जुर्माने का प्राविधान है ।
धारा 8 अधिवक्ताओं को मुआवजे का प्रावधान करती है और आगे की धारा 10 नुकसान का भुगतान करने के लिए दायित्व प्रदान करती है।
बता दें, राजस्थान में वकीलों द्वारा अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम की मांग लंबे समय से की जा रही है, अधिवक्ता 20 फरवरी से राज्य भर की सभी अदालतों में न्यायिक कार्य का बहिष्कार कर रहे हैं, और बहिष्कार अभी भी जारी है, अधिवक्ता संघ के प्रतिनिधियों ने हाल ही में शासन स्तर पर मंत्रियों से मुलाकात की थी। सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया कि बिल 15 मार्च को सदन में पेश किया जाएगा।
हालांकि वकीलों का कार्य बहिष्कार जारी है। वकीलों का तर्क है कि जब तक अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम (Advocate Protection Bill) विधायिका से पारित नहीं हो जाता। तब तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा। वहीं, कोर्ट कर्मियों की हड़ताल के कारण फरियादियों को परेशानी हो रही है.