जब किसी व्यक्ति के पास किसी अन्य के स्वामित्व वाली वस्तु का अस्थायी कब्जा होता है, तो उसे उस वस्तु का उपयोग करने और लाभ प्राप्त करने के लिए एक राशि का भुगतान करना पड़ता है जिसे किराए के रूप में जाना जाता है।
वस्तु कुछ भी हो सकती है जैसे भवन, भूमि, मशीन, निवास आदि। भारत में ज्यादातर लोग किराए के घरों में रहते हैं इसलिए किरायेदारों को किराए का भुगतान करना पड़ता है और किराये के समझौतों (Rent Agreement) में दी गई सभी कानूनी आवश्यकताओं और शर्तों को पूरा करना पड़ता है।
एक किराये का समझौता (Rent Agreement) मकान मालिक और किरायेदार के बीच एक अनुबंध है जिसमें कुछ पूर्व शर्त और संपत्ति की शर्तें शामिल होती हैं जो किरायेदार को किराए पर या पट्टे पर दी जाएगी। रेंट एग्रीमेंट का मसौदा किसी वकील या कानूनी प्राधिकरण द्वारा या स्वयं भी तैयार किया जा सकता है।
किरायेदारी अधिनियम भारत में किराये के घरों को बढ़ावा देता है।किराए का भुगतान मासिक पर किया जा सकता है या दो पक्षों के बीच किए गए समझौते (Rent Agreement) के प्रकार के आधार पर वार्षिक आधार।
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किराए के एग्रीमेंट (Rent Agreement) को स्वयं तैयार करने के चरण:
- एक रेंट एग्रीमेंट ऑनलाइन या भौतिक रूप से बनाया जा सकता है
- एक रेंट एग्रीमेंट का मसौदा तैयार किया जाना चाहिए जिसमें नियम और शर्तें शामिल हों जो किरायेदार और मकान मालिक पर बाध्यकारी हों।
- दस्तावेजों को उप पंजीयक के कार्यालय में पंजीकृत किया जाना है, जब तक कि दस्तावेज पंजीकृत नहीं होते हैं, उनकी कानूनी वैधता नहीं होती है।
- पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान एक स्टाम्प शुल्क का भुगतान किया जाना है। स्टाम्प शुल्क उस शहर के अनुसार भिन्न होता है जिसमें इसे पंजीकृत किया गया है।
- किराया विनियमन के अनुसार यदि कोई घर एक वर्ष से अधिक के लिए किराए पर लिया गया है, तो पार्टियों के लिए अपने किराए के समझौते को पंजीकृत करना अनिवार्य है।
(Rent Agreement) पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज हैं: –
- पंजीकरण उप-पंजीयक के साथ किया जाना चाहिए। किराए के समझौते को पंजीकृत कराते समय दोनों पक्षों के किरायेदार और मकान मालिक को दो गवाहों के साथ उपस्थित होना चाहिए।
- स्वामित्व का मूल प्रमाण/सबूत।
- संपत्ति के दस्तावेज जैसे कर रसीदें, खतौनी , सेल दीड , आदि।
- प्रत्येक पक्ष की दो तस्वीरें और प्रत्येक गवाह की एक फोटो।
- दोनों पक्षों और गवाहों के एड्रेस प्रूफ की कॉपी जमा करनी होगी। पासपोर्ट, आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक पासबुक या ड्राइविंग लाइसेंस, इनमें से कोई भी जमा किया जा सकता है।
- पट्टे पर दी गई संपत्ति का रूट मैप देना होगा।
किराए के समझौते में शामिल की जाने वाली अनिवार्यताएं हैं-
- स्वामित्व में संपत्ति के समझौते और पते के पक्ष
- किरायेदारी की अवधि और इसे समाप्त करने की शर्तें
- किराए पर लिया गया और सुरक्षा जमा शुल्क
- किराएदारी में क्या सुविधाएं शामिल होंगी
- क्षतिग्रस्त संपत्ति, रखरखाव, मरम्मत, और निरीक्षण, रखरखाव शुल्क के लिए संपत्ति के लिए मकान मालिक की जिम्मेदारी और किरायदार की जिम्मेदारी कितनी होगी ।
- मकान मालिक और किरायेदार के दायित्व और अधिकार।
- किरायेदार और मकान मालिक के हस्ताक्षर।
इन उपरोक्त चरणों का पालन करके एक वकील या कानूनी प्राधिकरण की मदद के बिना आसानी से एक किराये के समझौते का मसौदा तैयार किया जा सकता है।
पट्टा विलेख/ रेंटल एग्रीमेंट (Rent Agreement)
पट्टा विलेख का करार एक भाग के इसमें इसके पश्चात् पट्टाकर्ता कहे गये श्रीमती …………….. ……………. ……………. पत्नी……………. ……………………. निवासी भवन से (जो पद उसके उत्तराधिकारीगण, विधिक प्रतिनिधिगण एवम् समनुदेशितीगण से अभिप्रेत होगा और वे उसके (पद) के अन्तर्गत आयेगे)
और
दूसरे भाग के इसमें इसके पश्चात् पट्टेदार कहे गये श्री ……………. ……………. पुत्र ……………. ……………. निवासी ……………. ……………. (जिस पद के अन्तर्गत उसके उत्तराधिकारीगण विधिक प्रतिनिधिगण एवम् समनुदेशितीगण आयेगें) के बीच नयी दिल्ली में तारीख …………… को किया जाता है।
यतः पट्टाकर्ता भवन सं. ……………… का विधिक एवम् पूर्ण स्वामी है।
यतः पट्टाकर्ता करने के लिए सहमत होता है और पटेदार चैंक द्वारा प्रत्येक इंगलिश कलेण्डर महीने के 7वें द्वारा अग्रिम तौर पर संदाय किया जाने वाले …………….. रुपये (……….. रुपये मात्र) की मासिक दर पर …………….. किराया पर लेने का करार करता है।
अब यह विलेख निम्नलिखित रूप में साक्षित करता है –
1. यह कि कथित परिसर का पट्टा ……………. ……………. से तथा पारस्परिक सहमति के साथ अंतिम समय की एक अग्रिम कालावधि के लिए नवीनीकरण को समाप्त होने वाला प्रारम्भ होता है। मान लें कोई भी नवीनीकरण नहीं होता है तो पट्टेदार पट्टा कालावधि के अन्त में एक स्पष्ट कब्जा देने का करार करता है यह कि आगे यदि नवीनीकरण दो महीने की कालावधि के परे किया जाता है तो करार पायी गयी किराये में ………….% वृद्धि का संदाय किया जाना होगा।
2. यह कि ……….. ……………. रुपये (की ………. रुपये मात्र) का मासिक किराया प्रत्येक कलेण्डर महीने के 7वें द्वारा अग्रिम तौर पर अदा किया जायेगा।
3. यह कि …………….. रुपये (………….. रुपये मात्र) की राशि जिसमें …………….. रुपये नकद तौर पर तथा …………….. को लिखे गये चैक सं …………….. द्वारा …………….. रुपये का अग्रिम तौर पर संदाय किया जा चुका है जिसमें से तीन महीने का किराया संदेय शेष बचे रहे किसी शोध्य के समायोजन के पश्चात् पट्टा कालावधि / बढ़ाई गयी पट्टा कालावधि की समाप्ति पर प्रतिदेय ब्याज की स्वतंत्र प्रतिभूति के रूप में पट्टाकर्ता के साथ रहेगा।
4. यह कि भवन का मात्र पट्टेदार तथा उसके कुटुम्ब के आश्रित सदस्यों के आवासिक प्रयोजनार्थ किया जायेगा।
5. यह कि वास्तविक मीटर पाठ्याक के अनुसार पट्टेदार को किराये पर दिये गये परिसरों के प्राप्त किये गये नगरपालिका का बिल के अनुसार विद्युत एवम् जल के उपयोग के लिए वास्तविक प्रभारों का संदाय पट्टेदार द्वारा किया जायेगा। किन्तु किसी भी दर के प्रभार कर उपकर या उदग्रहण चाहे जो कुछ भी सम्पत्ति पर हो, उनका वहन पट्टाकर्ता द्वारा किया जायेगा।
6. यह कि पट्टाकर्ता सही चालू हालत में संपूर्ण स्वच्छता, विद्युत एवम् अन्य फिटिंग एवम् फिक्सरों के साथ किरायेदारी परिसरों का कब्जा प्रदान करेगा।
7. यह कि पटटेदार मात्र आवासिक प्रयोजनों के लिए परिसरों का प्रयोग नहीं करेगा और किसी भी दसरे व्यक्ति को पूर्णतः या अंशतः कथित परिसरों को उपपट्टे पर नहीं देगा।
8. किसी भी दुरुपयोग की दशा में पट्टेदार मुकदमा शास्तियों, जुर्मानों, प्रतिकर इत्यादि के खर्च को सम्मिलित कर सभी परिणामों को धारण करेगा।
9. यह कि पट्टेदार माफ किये गये दैवी कृत्य द्वारा प्राकृतिक फिसाई, नुकसानियाँ एक ही दशा में सभी फिक्सरों एवम् फिटिंग को प्रत्यावर्तित करने के लिए उत्तरदायी होगा।
10. यह कि पट्टेदार पट्टाकर्ता की सहमति के बिना पट्टातरित किये गये परिसरों में जैसे कोई अतिरिक्त निर्माण या परिवर्तन नहीं करेगा।
11. यह कि पट्टेदार पर्याप्त नोटिस देने के पश्चात् संपूर्ण युक्ति-युक्त समय पर निरीक्षण के लिए कथित परिसरों का कार्य भार सम्भालने के लिए पट्टाकर्ता या उसके प्राधिकृत प्रतिनिधियों को अनुज्ञा प्रदान करेगा।
12. यह कि पट्टान्तरित किये गये परिसरों के बाहरी /आन्तरिक पेटिंग, डिसटेम्परिंग एवम् पालिस करना पट्टेदार द्वारा पट्टान्तरित किये गये परिसरों के अधिभोग के पूर्व किया जा चुका है।
13. यह कि पट्टाकर्ता पट्टान्तरित किये गये परिसरों की विद्युत सम्बन्धी प्रणाली की कोई नुकसानी किये बिना इन्टाल एअर कन्डीशनल या एअर कूलर पट्टेदार मामले में कोई आक्षेप नहीं रखेगा। आवश्यक विद्युत लोड यदि अपेक्षित हो, तो विद्युत पूर्ति वचनबन्ध ……………. ……………. से पट्टेदार द्वारा इन्तजाम किया जायेगा। पट्टाकर्ता एवज में इस बारे में संपूर्ण अपेक्षित कागजातों पर हस्ताक्षर करेगा।
14. यह कि सभी विद्युत तथा स्वच्छता फिक्सरों में टूट-फूट से उद्भूत होने वाले संपूर्ण छोटे-मोटे दिन-प्रतिदिन मरम्मते पट्टेदार का दायित्व होगा लेकिन बड़ी मरम्मतें उसकी लागत पर पट्टाकर्ता द्वारा किया जायेगा।
15. यह कि पट्टेदार …………… ……………. की नगर पालिका …………… ……………. तथा अन्य स्थानीय / केन्द्रीय प्राधिकरणों की विधियों, नियमों एवम् विनियमनों का अनुपालन करेगा और भंग होने की दशा में उसके स्वयं की लागत पर परिणामों के लिए पूर्णतया उत्तरदायी होगा और उपरोक्त कारणवश किसी भी शास्ति का संदाय पट्टेदार द्वारा किया जाना पड़ेगा।
16. यह कि किरायेदारी किसी भी के द्वारा एक महीने की नोटिस पर समाप्त होने योग्य होगी। मान ले भवन किसी नोटिस के बिना रिक्त कर दिया. तब एक महीने का किराया नोटिस के बिना रिक्त करने के एवज में संदाय किया जायेगा।
17. यह कि मान लें पट्टेदार विहित रीति से नियमित तौर पर किराये का संदाय करने में असफल हो जाता है या किसी अन्य शर्त का अनुपालन करने में असफल हो जाता है या उसके किसी को भंगकर देता है, पट्टाकर्ता इसमें आरक्षित किये गये पट्टे की कालावधि पर विचार किये बिना पट्टान्तरित किये गये परिसर पर पुनः प्रवेश करने तथा कब्जा ग्रहण करेगा।
जिसके साक्ष्य में हम प्रथम एवम् दूसरा पक्षकार उल्लिखित तारीख, महीना एवम् वर्ष पर साक्षियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किया है।
पट्टाकर्ता …………….
पट्टेदार …………….
साक्षीगण
एक भवन को पट्टे/किराय पर देने का करार
यह करार एक भाग के ……………. ……………. पुत्र ………. ………. (इसमें इसके पश्चात् पट्टाकर्ता कहा गया जो पद उसके वारिसानों निष्पादकों, विधिक प्रतिनिधियों एवम् समनुदेशितियों से अभिप्रेत होगा या वे इसके अन्तर्गत आयेगें) और दूसरे भाग के ………….. ………….. पुत्र ……… ………….. ………….. (इसमें इसके पश्चात् पट्टेदार कहा गया जो पद उसके हितबद्ध उत्तरवर्तियों एवम् समनुदेशितियों से अभिप्रेत होगा और वे इसके अन्तर्गत आयेगें) के बीच तारीख ………….. ………….. को किया गया।
यतः पट्टाकर्ता ………….. … में स्थित परिसरों का पूर्ण स्वामी है (इसमें इसके पश्चात् कथित भवन कहा गया)
यतः जहाँ पट्टाकर्ता इसमें इसके पश्चात् उपवर्णित कालावधि तथा निबन्धनों एवम् शर्तों के लिए दो कमरों, एक स्नान घर, एक रसोई घर एवम् एक डब्लू / सी (इसमें इसके पश्चात् पट्टान्तरित परिसर कहा गया।
A. अतः अब यह करार निम्नलिखित रूप में साक्ष्य प्रस्तुत करता है
एतद्द्वारा आरक्षित किये गये किराये की तथा इसमें इसके पश्चात् अन्तर्विष्ट प्रसंविदाओं की शर्ते एवम् करार के प्रतिफल में तथा पट्टेदार की ओर से उन सभी पट्टान्तरित परिसरों तक एतद्द्वारा पट्टाकर्ता को संदाय किया जाना, उसका अनुपालन किया जाना तथा उसका प्रेक्षण किया जाना – प्रत्येक महीने के सातवीं तारीख को या उसके पूर्व अग्रिम तौर पर संदेय …………… ………….. (…………………….रुपये मात्र) की मासिक किराया पट्टाकर्ता को कथित निबन्धन के दौरान देना और संदाय करना इसमें इसके नीचे निबन्धनों एवम् शर्तों पर ………….. ………. की कालावधि के लिए पट्टेदार को अभिनिर्धारित करने के लिए फिक्सर एवम् फिटिंग के साथ में जिसके लिए किराया संदेय है।
पटटेदार पटटान्तरित परिसरों पर कब्जा लेने के पूर्व तीन महीने के किराये के समतुल्य प्रतिभूति धन पट्टाकर्ता को भी संदाय करेगा।
B. पट्टेदार निम्नलिखित रुप में पट्टाकर्ता के साथ एतद्द्वारा प्रसंविदा करता है :
1. समय पर एतदद्वारा आरक्षित किये गये किराये का और विहित रीति से संदाय करने के लिए :
2. अच्छा किरायेदार की दशा में तथा पट्टान्तरित परिसरों पर अधिकारिता रखने वाले सरकारी तथा नगर पालिका प्राधिकरणों के नियमों, विनियमनो एवम् उप-विधियों के अनुसार अनुसूची । में यथावर्णित उस पर फिटिंग एवम् फिक्सरों के साथ में पट्टान्तरित परिसरों का अनुरक्षण करने तथा प्रयोग करने के लिए।
3. पटाकर्ता के लिखित सहमति के बगैर पट्टांतरित परिसर के कब्जे का अन्य भाग या कोई भाग या समनुदेश उपपट्टा हेतु नहीं।
4. पट्टाकर्ता की लिखित सहमति के बिना उस पर पट्टान्तरित किये गये परिसरों या उसके किसी भाग को उपपटे पर न देना, न समनुदेशित करना या अन्यथा उसको कब्जे उसको न अलग करना। पटटेदार किसी प्रकार का एअर कन्डीसनिंग, एअर कूलिंग इक्विपमेण्ट्स के स्थापन के लिए कोई भी आवश्यक परिवर्तन कर सकेगा, पट्टेदार ऐसे सभी फिक्सरों, उपकरणों एवम् स्थापनों को हटायेगा।
5. इस पट्टे के अवधारण से पहले तथा उसकी समाप्ति पर उन्हीं शर्तों पर पट्टान्तरण परिसरों को शान्ति पूर्वक देने के लिए तथा पटटान्तरित परिसरों के रिक्त कब्जे का अभ्यर्पण करने एवम् परिदान करने के लिए जैसे यह परिसरों के अधिभोग के प्रारम्भ होने के समय पर अस्तित्व रखता था।
6. पट्टेदार के स्वयम के खर्च पर सामान्यतया कार्य करने से यंत्रों के घिस जाने के कारण कारित किये गये विद्युतीकरण, जल-बम्बों के रिसाव के प्रतिस्थापन के रूप में इस प्रकार की मरम्मतों एवम् लघु मरम्मतों को सभी दिन-प्रतिदिन करना। स्वच्छता पाइपों का टूट-फूट जाना दीवारों में इस प्रकार जैसे बड़ी दरारों के पड़ने की मरम्मते।
7. प्राधिकारियों को प्रत्यक्षतः विद्युत एवम् जल प्रभारों का संदाय करने के लिए;
C. पट्टाकर्ता निम्नलिखित रूप में पट्टेदार के साथ एतद्द्वारा प्रसंविदा करता है :
1. पट्टाकर्ता के पास पट्टेदार को इस पट्टे को मंजूर करने तथा इसमें अन्तर्विष्ट प्रसंविदाओं, शर्तों एवम् करारों में भाग लेने का अच्छा अधिकार एवम् संपूर्ण शक्ति होती है।
2. पट्टाकर्ता पट्टान्तरित परिसरों की बावत संपूर्ण करों एवम् सार्वजनिक देयों का संदाय करेगा।
3. पट्टान्तरित परिसरों का प्रयोग ………………….. . …………………. (इसमें इसके पश्चात् पट्टेदार कहा गया) / पट्टेदार के कथित अधिभोगी के अंतरण के मामले में, या यदि वह पट्टेदार के नियोजन में होने से विरत हो जाता है तो पट्टेदार परिसरों को प्रतिधारित करने के अपने अधिकार का त्यजन कर देता है और वह उसी शर्त पर पट्टाकर्ता को परिसरों का रिक्त कब्जा सौंप देगा जैसे वह अधिभोग के समय पर अस्तित्व रखता था।
4. पूर्व सूचना सहित ………………….. ………………….. पट्टान्तरित परिसरों का अधिभोगी अधिकारी त्यों ही या तो परिसरों का निरीक्षण या मरम्मत के लिए युक्तियुक्त समयों पर एकदम परिसरों में प्रवेश करने के लिए पटटाकर्ता या उसके प्रतिनिधि में से किसी को भी अनुज्ञा प्रदान करेगा ज्यों ही आवश्यक हो।
5. पट्टान्तरित परिसरों का आन्तरिक / बाहरी पेंटिंग डिसटेम्पर करना तथा पालिस करना अधिभोगी अधिकारी द्वारा पदान्तरित परिसरों के अधिभोग के पूर्व किया जायेगा। ……… ………………….. इसका प्रत्येक तीन वर्षों में एक बार दोहराया जायेगा।
6. पट्टेदार से किराये को प्राप्त करने पर उचित किराया रसीद जारी करना।
D. यह निम्नलिखित रूप में इस विलेख के पक्षकारों के द्वारा और के बीच करार एवम् घोषणा की जाती है –
1. पट्टा किसी प्रकार का उन निबन्धनों एवम् शर्तों पर ……….. प्रतिशत द्वारा वृद्धि करके ………………….. वर्षों की एक अग्रिम कालावधि के लिए विस्तारित कर दिया जिन्हें पट्टाकर्ता एवम पटटेदार के बीच करार पाया जाय।
2. इस पट्टे की कालावधि के दौरान और / या इसमें कल्पित नवीनीकृत कालावधि के दौरान किसी भी समय पर या तो पक्षकार दूसरे पक्षकार को लिखित एक महीने की नोटिस देने पर इस पट्टे को समाप्त कर सकेगा।
जिसके साक्ष्य में इसके पक्षकारों ने ऊपर लिखित दिन एवम् वर्ष को इस विलेख पर हस्ताक्षर किया है।
साक्षीगण
1. …………………. की उपस्थिति में पट्टाकर्ता द्वारा हस्ताक्षर किया गया और परिदान किया गया।
2. …………………. की उपस्थिति में पट्टेदार द्वारा हस्ताक्षर किया गया और परिदान किया गया।