लंबे समय तक पत्नी के रूप में रहने वाली महिला तब तक पति से भरण-पोषण पाने की हकदार है जब तक यह साबित न हो जाए कि वह ‘कानूनी रूप से विवाहित’ नहीं है: मप्र हाईकोर्ट

एक महत्वपूर्ण कानूनी घटनाक्रम में, न्यायमूर्ति गुरपाल सिंह अहलूवालिया की अध्यक्षता में जबलपुर स्थित मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने शैलेश बोपचे बनाम अनीता बोपचे के मामले में 2 अप्रैल, 2024 को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। यह मामला सहवास के मामलों में भरण-पोषण के अधिकार के विवादास्पद मुद्दे के इर्द-गिर्द घूमता है। याचिकाकर्ता शैलेश बोपचे ने मजिस्ट्रेट

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