केरल सीएम के सलाहकार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच पर लगाई रोक

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के मुख्य प्रधान सचिव केएम अब्राहम के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई जांच पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अंतरिम रोक लगा दी। यह आदेश अब्राहम की उस याचिका पर आया है जिसमें उन्होंने केरल हाईकोर्ट के 11 अप्रैल के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें सीबीआई से एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू करने को कहा गया था।

न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने सीबीआई, केरल सरकार और मूल शिकायतकर्ता सामाजिक कार्यकर्ता जोमन पुथेनपुरक्कल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अब्राहम की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता आर. बासन ने तर्क दिया कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17ए के तहत एफआईआर दर्ज करने से पहले अनिवार्य स्वीकृति आवश्यक है, जो इस मामले में नहीं ली गई।

READ ALSO  रेस्टोरेंट पर 40 पैसे ज्यादा लेने के लिए दायर किया मुक़दमा, कोर्ट ने शिकायतकर्ता पर ही लगाया 4000 रुपये का जुर्माना- जाने विस्तार से

केरल हाईकोर्ट ने राज्य की सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (VACB) की जांच को ‘संदिग्ध’ और ‘जन विश्वास को प्रेरित करने में असमर्थ’ बताते हुए इसे अस्वीकार्य माना था। हाईकोर्ट ने कहा था कि केवल सीबीआई जैसी स्वतंत्र एजेंसी ही इस मामले में निष्पक्ष और गहन जांच कर सकती है। इसी आधार पर हाईकोर्ट ने 2017 में तिरुवनंतपुरम के विशेष न्यायाधीश द्वारा दिए गए आदेश को पलट दिया था, जिसमें अब्राहम के खिलाफ आरोपों को खारिज कर दिया गया था।

हाईकोर्ट ने विशेष न्यायाधीश की इस बात के लिए आलोचना की थी कि उन्होंने करोड़ों की संपत्तियों से जुड़े साक्ष्यों की समुचित जांच नहीं की, जिनके बारे में कहा गया है कि अब्राहम ने इन्हें अपने सरकारी सेवाकाल के दौरान अर्जित किया।

जिन संपत्तियों को लेकर सवाल उठाए गए हैं उनमें मुंबई में ₹3 करोड़ का एक फ्लैट, तिरुवनंतपुरम के थायक्काड में ₹1 करोड़ का फ्लैट और कोल्लम जिले के कडप्पक्कड़ा में ₹8 करोड़ की लागत का तीन मंजिला शॉपिंग कॉम्प्लेक्स शामिल हैं। अब्राहम ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है।

READ ALSO  अमर्त्य सेन ने विश्वभारती के निष्कासन आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles