शरद पवार गुट अगले आदेश तक ‘एनसीपी-शरदचंद्र पवार’ नाम का इस्तेमाल कर सकता है: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को निर्देश दिया कि शरद पवार के नेतृत्व वाले समूह के लिए ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार’ का नाम देने का चुनाव आयोग का 7 फरवरी का आदेश अगले आदेश तक जारी रहेगा।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री नीत समूह को असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के रूप में मान्यता देने के चुनाव आयोग के 7 फरवरी के आदेश के खिलाफ शरद पवार की याचिका पर अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट से जवाब मांगा।

पीठ ने शरद पवार को पार्टी चिन्ह के आवंटन के लिए चुनाव आयोग के पास जाने की छूट दी और चुनाव आयोग को आवेदन के एक सप्ताह के भीतर इसे आवंटित करने का निर्देश दिया।

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शरद पवार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा 7 फरवरी को पारित आदेश 27 फरवरी तक राज्यसभा चुनावों के लिए चुनाव आयोग द्वारा की गई एक अंतरिम व्यवस्था है।

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उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र विधानसभा सत्र 26 फरवरी से शुरू होने वाला है और हमारा समूह बिना किसी नाम या प्रतीक के होगा।”

शरद पवार ने अपने नेतृत्व वाले समूह को मिले दोहरे झटके और अपने विधायकों द्वारा व्हिप के संभावित उल्लंघन के लिए कार्रवाई का सामना करने के डर के मद्देनजर शीर्ष अदालत में अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की थी।

उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के 15 फरवरी के आदेश के मद्देनजर तत्काल सुनवाई की मांग की थी।

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नार्वेकर का मानना था कि अजीत पवार के नेतृत्व वाला एनसीपी गुट ही असली एनसीपी है और संविधान में दलबदल विरोधी प्रावधानों का इस्तेमाल आंतरिक असंतोष को दबाने के लिए नहीं किया जा सकता है।

इससे पहले, पोल पैनल ने 7 फरवरी को घोषणा की थी कि अजीत पवार गुट ही असली एनसीपी है और समूह को पार्टी का ‘घड़ी’ चिन्ह भी आवंटित किया था।

मराठा आरक्षण पर एक दिवसीय विशेष महाराष्ट्र विधानसभा सत्र 20 फरवरी से शुरू हो रहा है।

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