सुप्रीम कोर्ट 13 मई को ‘4PM’ नामक यूट्यूब न्यूज़ चैनल, जिसके 73 लाख सब्सक्राइबर हैं, को ब्लॉक करने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा।
शीर्ष अदालत की कॉज लिस्ट के अनुसार, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। कोर्ट ने इससे पहले 5 मई को केंद्र और अन्य संबंधित पक्षों से जवाब मांगा था।
यह याचिका ‘4PM’ डिजिटल न्यूज़ प्लेटफॉर्म के संपादक संजय शर्मा द्वारा अधिवक्ता तल्हा अब्दुल रहमान के माध्यम से दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि चैनल को ब्लॉक करने की कार्रवाई केंद्र सरकार के एक अज्ञात निर्देश के आधार पर की गई, जिसमें “राष्ट्रीय सुरक्षा” और “सार्वजनिक व्यवस्था” जैसे अस्पष्ट कारण बताए गए।
याचिकाकर्ता ने इस कार्रवाई को “पत्रकारीय स्वतंत्रता पर गंभीर प्रहार” और जनता के सूचना प्राप्त करने के अधिकार का उल्लंघन बताया है। याचिका में कहा गया है कि न तो कोई औपचारिक आदेश दिया गया और न ही कोई शिकायत याचिकाकर्ता को सौंपी गई, जो वैधानिक और संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है।
याचिका में कहा गया है, “‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ और ‘सार्वजनिक व्यवस्था’ जैसे शब्द कार्यपालिका की कार्रवाई को न्यायिक समीक्षा से बचाने के लिए कोई जादुई शब्द नहीं हो सकते।” बिना नोटिस और सुनवाई का अवसर दिए ब्लॉक करना संविधान के स्थापित सिद्धांतों का उल्लंघन है।
याचिकाकर्ता ने सरकार से उस आदेश और रिकॉर्ड को प्रस्तुत करने की मांग की है जिसके आधार पर चैनल को ब्लॉक किया गया। इसके अतिरिक्त, सूचना प्रौद्योगिकी (सूचना तक सार्वजनिक पहुंच को अवरुद्ध करने की प्रक्रिया और सुरक्षा) नियम, 2009 के तहत कुछ प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है।
खासकर, याचिका में नियम 16 को रद्द करने की मांग की गई है, जो सभी ब्लॉकिंग अनुरोधों और कार्रवाइयों की गोपनीयता अनिवार्य करता है। इसके साथ ही नियम 9 को भी रद्द या संशोधित करने की मांग की गई है ताकि किसी सामग्री निर्माता को अंतिम आदेश से पहले नोटिस और निष्पक्ष सुनवाई का अवसर दिया जा सके।