पंजाब के अमरगढ़ निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले आप विधायक जसवंत सिंह गज्जन माजरा ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली है, जिसमें उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग जांच के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद रिमांड को चुनौती दी थी। यह मामला लगभग 40 करोड़ रुपये के कथित बैंक धोखाधड़ी से जुड़ा है।
न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने याचिका वापस लेने का फैसला किया, जिन्होंने माजरा के वकील को जमानत के लिए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट जाने की स्वतंत्रता के साथ याचिका वापस लेने की अनुमति दी।
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने माजरा को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था, जिन्होंने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार में भाग लेने के लिए रिहाई की मांग की थी। इसके अतिरिक्त, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें अधिकारियों द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया में कोई अवैधता नहीं पाई गई थी।
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माजरा के खिलाफ आरोप केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी दोनों द्वारा की गई जांच से उत्पन्न हुए हैं। मई 2023 में, सीबीआई ने बैंक धोखाधड़ी की जांच के तहत माजरा से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की। इससे पहले, सितंबर 2022 में, ईडी ने इसी मामले के संबंध में उनसे जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसके परिणामस्वरूप 32 लाख रुपये नकद, कई मोबाइल फोन और हार्ड ड्राइव जब्त किए गए थे।