सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है, जिसमें मनुभाई परमार की हाल ही में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति को चुनौती दी गई है। अधिवक्ता ब्रजेश सिंह द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि परमार की नियुक्ति लोक सेवा आयोग के अधिकारियों के लिए “बेदाग चरित्र” रखने की संवैधानिक आवश्यकताओं का उल्लंघन करती है।
याचिका में बताया गया है कि परमार वर्तमान में बिहार के सतर्कता ब्यूरो द्वारा जांच के तहत भ्रष्टाचार के एक मामले में फंसे हुए हैं, जिसकी कार्यवाही अभी भी पटना में एक विशेष न्यायाधीश के समक्ष लंबित है। दायर याचिका में स्पष्ट रूप से कहा गया है, “प्रतिवादी संख्या 2 (परमार) पर भ्रष्टाचार और जालसाजी के अपराध करने के गंभीर आरोप हैं और इस तरह उनकी ईमानदारी संदिग्ध है; इसलिए, उन्हें बीपीएससी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त नहीं किया जाना चाहिए था।”