जनता दर्शन में जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के समक्ष एक अनोखा मामला सामने आया। शिकायतकर्ता महिला (मामी) ने अपनी भांजी (लेखपाल) पर सास से मिल कर संपत्ति हड़पने के इरादे से भू-अभिलेख में हेरफेर करने का आरोप लगाया। जिलाधिकारी के निर्देश पर हुई जांच में आरोप को सही पाया गया। जांच के अधार पर मंगलवार को लेखपाल को निलंबित कर दिया गया।
जनता दर्शन के दौरान जिलाधिकारी को दिए शिकायती पत्र में सरिता देवी निवासी ग्राम सूर्यपुरा, तहसील सदर ने बताया कि उनके पति कपूर की मृत्यु 28 सितंबर 2022 को हो गई थी। उनकी दो बेटियां हैं। उनके गांव में तैनात लेखपाल ज्योति मल्ल उनके दिवंगत पति की भांजी हैं।
उन्होंने बताया कि पति की भू-संपत्ति से जुड़े वरासत अभिलेख में दोनों बेटियों की संरक्षिका के रूप में नाम दर्ज होना चाहिए था। लेकिन, लेखपाल ज्योति मल्ल ने संपत्ति हड़पने का इरादे से अपनी मामी सरिता देवी के स्थान पर वरासत में अपनी नानी यशोदा देवी का नाम अंकित करा दिया। उन्होंने जिलाधिकारी से प्रकरण की समुचित जांच कर इंद्राज (अभिलेख) को खारिज करने तथा नए अभिलेख में अपना नाम बतौर संरक्षिका दर्ज कराने की गुहार लगाई।
जिलाधिकारी ने तत्काल एसडीएम सदर सौरभ सिंह को प्रकरण की जांच करने का निर्देश दिया। एसडीएम सदर ने जांच में आरोप को सही पाया। उन्होंने बताया कि कंप्यूटरीकृत अभिलेखों में मृतक कपूर पुत्र भगवान के स्थान पर सलोनी व अंजनी पुत्रीगण कपूर की संरक्षिका दादी यशोदा देवी का नाम बतौर वारिस दर्ज पाया गया। गलती को सुधाकर सही करा दिया गया।
उन्होंने बताया कि लेखपाल द्वारा तैनाती के समय कार्यालय को यह अवगत नहीं कराया गया था कि सूर्यपुरा उनका ननिहाल है और यशोदा देवी उनकी सगी नानी है। इसके अतिरिक्त लेखपाल को अपने क्षेत्र में निवास किए जाने का भी प्रावधान है, किंतु जांच में यह तथ्य सामने आया कि वह देवरिया शहर में निवास करती हैं। उक्त मामले में जिलाधिकारी के निर्देश पर लेखपाल ज्योति मल्ल को निलंबित कर दिया गया है। निलंबन की अवधि में आईजीआरएस कार्यालय तहसील देवरिया सदर से संबद्ध रहेंगी।