कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले में हाल ही में हुए घटनाक्रम में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के डॉक्टर से जुड़े पूर्व प्राचार्य संदीप घोष को 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। यह आदेश मंगलवार को एक विशेष सीबीआई अदालत ने जारी किया, जिसने कथित वित्तीय अनियमितताओं में शामिल उनके सुरक्षाकर्मी अफसर अली और दो ठेकेदारों बिप्लब सिन्हा और सुमन हाजरा की हिरासत भी बढ़ा दी।
अस्पताल में बलात्कार और हत्या की घटना के बाद हुए बड़े पैमाने पर विरोध के बाद 2 सितंबर को संदीप घोष को गिरफ्तार किया गया था। मामले को अपने हाथ में लेने वाली केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पहले घोष को प्राचार्य के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान वित्तीय विसंगतियों की जांच के लिए आठ दिनों की हिरासत में रखा था।
घोष और उनके सहयोगियों को न्यायिक हिरासत में भेजने का अदालत का फैसला ऐसे समय में आया है जब सीबीआई वित्तीय कदाचार के व्यापक निहितार्थों की जांच कर रही है, जो बलात्कार और हत्या के मामले में अस्पताल के व्यवहार को लेकर लोगों के आक्रोश के बीच सामने आया था। सीबीआई ने संकेत दिया कि अगर जरूरत पड़ी तो वे अपनी चल रही जांच में मदद के लिए उनकी हिरासत को और बढ़ाने की मांग कर सकते हैं।
इस मामले ने काफी ध्यान आकर्षित किया है, चिकित्सा संस्थानों में प्रशासन और सुरक्षा के मुद्दों को उजागर किया है, और जनता और मीडिया दोनों ही इस पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।