झारखंड हाईकोर्ट ने रांची में बलात्कार और हत्या के दोषी की मौत की सज़ा बरकरार रखी

झारखंड हाईकोर्ट ने सोमवार को 2016 में रांची में एक छात्रा के बलात्कार और हत्या के दोषी राहुल राज की मौत की सज़ा की पुष्टि की। न्यायमूर्ति आनंद सेन और न्यायमूर्ति गौतम कुमार चौधरी की खंडपीठ ने 20 दिसंबर, 2019 को रांची जिला न्यायालय द्वारा पहले सुनाई गई सज़ा के खिलाफ़ राज की अपील को खारिज कर दिया।

अदालत ने निचली अदालत के फ़ैसले को बरकरार रखा, जिसमें अपराध की प्रकृति को बेहद क्रूर बताया गया था, जिसके लिए अधिकतम सज़ा मौत की सज़ा दी जानी चाहिए। यह घटना 15 दिसंबर, 2016 को हुई थी, जिसमें राज ने युवती के कॉलेज से लौटने के कुछ ही समय बाद सुबह 4 बजे उसके घर में घुसकर बलात्कार किया था। बलात्कार के बाद, उसने लोहे के तार से उसका गला घोंट दिया, उसके शरीर पर चिकनाई लगाई और सबूत मिटाने के प्रयास में उसे आग लगा दी।

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पुलिस की गहन तलाशी के बाद राज को पकड़ लिया गया और बाद में उसने अपने अपराध कबूल कर लिए। जांच के दौरान यह भी पता चला कि वह पटना में एक नाबालिग लड़की के साथ पहले भी बलात्कार में शामिल रहा है, जिससे उसके आपराधिक रिकॉर्ड में इज़ाफा हुआ।

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यह फैसला यौन उत्पीड़न और हत्या के मामलों में मृत्युदंड के आवेदन पर चल रही बहस के बीच आया है, जिसमें अदालत का फैसला जघन्य अपराधों पर सख्त रुख को दर्शाता है।

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