• About Us
  • Privacy Policy
  • Terms of use
  • Contact Us
Friday, January 15, 2021
Law Trend
  • google-play
  • apple-store
  • Login
  • Home
  • About Us
  • Trending Stories
  • Court Updates
  • Judgements
  • Law Trend - हिन्दी
  • Bare Acts and Rules
    • Central
    • State
  • Webinar
  • Columns
  • Online Internship
  • More
    • Humour
    • Submit Judgment/Order/Posts
    • Quotes
    • Legal Dictionary
    • Courts Weblink
No Result
View All Result
Law Trend
  • Home
  • About Us
  • Trending Stories
  • Court Updates
  • Judgements
  • Law Trend - हिन्दी
  • Bare Acts and Rules
    • Central
    • State
  • Webinar
  • Columns
  • Online Internship
  • More
    • Humour
    • Submit Judgment/Order/Posts
    • Quotes
    • Legal Dictionary
    • Courts Weblink
No Result
View All Result
Law Trend
No Result
View All Result

आरोपी को ड्रग एडिक्ट साबित नही कर पाया अभियोजन- NDPS में जमानत मंजूर

Law Trend by Law Trend
October 6, 2020
in Law Trend -Hindi
2 min read
265 5
0
Del HC new 2
525
SHARES
1.5k
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare via WhatsappShare via EmailPinterest

उच्च न्यायालय के नवीनतम निर्णय में, Delhi High Court के माननीय न्यायमूर्ति विभु बाखरू ने ड्रग्स से संबंधित आरोप में आरोपी व्यक्ति को जमानत दी है।

High Court ने पाया कि अभियोजन यह साबित करने में विफल रहा है कि आरोपी ड्रग एडिक्ट था।

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारियों को गुप्त सूचना मिली कि दो व्यक्ति, गुलज़ार और रफ़िक, मुंबई के लिए ट्रेन पकड़ने के लिए हज़रत निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन, नई दिल्ली पहुंचेंगे। मुखबिर ने  अधिकारियों को बताया कि वे चरस लेकर जा रहे है।

NCB के जांचकर्ताओं ने एक जाल बिछाया और दोनों आरोपी हज़रत निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर पकड़े गए। उनके साथ रामदेव नाम का एक व्यक्ति भी पकड़ा गया। रामदेव ने पुलिस को बताया कि वह एक ट्रैवल एजेंट था।

तीनों को एनडीपीएस अधिनियम की धारा 50 के तहत नोटिस दिया गया। उनके शरीर पर कोई निषैध सामग्री नहीं पायी गयी, लेकिन जब उनके ट्रॉली बैग की तलाशी ली गई तो एक छिपे हुए डिब्बे में कुछ सामग्री मिली। पदार्थ पर परीक्षण किया गया तो पता चला कि ये चरस है, कुल मिलाकर 6.2 किलो चरस बैग से बरामद की गई थी।

आरोपियों को NDPS अधिनियम की धारा 67 के तहत नोटिस दिया गया और उनके बयान दर्ज किए गए।

आरोपी रफीक ने पुलिस को बताया कि वह टैक्सी चालक के रूप में काम करता था और बाद में याचिकाकर्ता ने उन्हें दिल्ली और मुंबई जैसी जगहों पर चरस पहुंचाने के लिए कहा। जिस दिन उसे पकड़ा गया, वह मुंबई में चरस की खेप पहुंचाने वाला था जिसके लिये उसे 80000 रुपये देने का वादा किया गया था। रफीक ने पुलिस को बताया कि गुलजार उसका चचेरा भाई था और उसने गुलजार को उसके साथ मुंबई जाने के लिए कहा था।

रफीक ने पुलिस को बताया कि याचिकाकर्ता वर्तमान में हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के चोज गांव में निवासी था। रफीक ने पुलिस को यह भी बताया कि याचिकाकर्ता रमेश, नीलचंद और पुरुषोत्तम से चरस प्राप्त करता था।

पुलिस चोज गांव पहुंची और याचिकाकर्ता के आवास पर गई। उसे एनडीपीएस अधिनियम की धारा 67 के तहत एक नोटिस दिया गया था, और उसका स्वैच्छिक बयान दर्ज किया गया था।

याचिकाकर्ता ने अपने बयान में पुलिस को बताया कि वह चरस का आदी था और रमेश, नीलचंद और पुरुषोत्तम से ड्रग्स खरीदता था। उसने पुलिस को बताया कि वह मुंबई में अपने दोस्तों को ड्रग्स भेजता था। यह भी उल्लेख किया गया था कि याचिकाकर्ता रफीक और गुलजार को तस्कर के रूप में इस्तेमाल कर रहा था।

याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि वह नीलचंद को अपने बैंक खाते में और कभी-कभी नकदी में भुगतान करता था। उन्होंने अपने करीबी सहयोगियों और आपूर्तिकर्ताओं की संख्या का भी खुलासा किया।

न्यायालय का विशलेषण

न्यायालय ने कहा कि पूरा मामला रफीक और गुलज़ार के बयान पर निर्भर था जिन्होंने अपने बयान को वापस ले लिया है। उनके बयान की स्वीकार्यता के मुद्दे पर, अदालत ने तमिलनाडु के टोफान सिंह बनाम राज्य पर भरोसा किया, जहां यह माना गया था कि ऐसा साक्ष्य एक कमजोर साक्ष्य हैं और इसका उपयोग केवल अन्य सबूतों की पुष्टि करने के लिए किया जा सकता है।

कोर्ट ने पाया कि नीलचंद और उनके परिवार के सदस्यों के खाते में कोई भी लेनदेन रिकॉर्ड के साथ दर्ज नहीं है।

Advertisements

हाईकोर्ट ने इस तथ्य पर भी गौर किया कि अपीलकर्ता के बयान में कहा गया था कि उसने रफीक को 1 किग्रा चरस दी थी, जबकि रफीक से बरामद की गई मात्रा 6.2 किलोग्राम थी जो यह दिखाता है कि अभियोजन की कहानियां मेल नहीं खाती हैं।

यह भी देखा गया कि याचिका के अनुसार एनसीबी ने कहा है कि याचिकाकर्ता एक ड्रग एडिक्ट था और इसीलिए उसने चरस का कारोबार करना शुरू कर दिया, परन्तु मेडिकल रिकार्ड से ये साबित नहीं हो सका कि याचिकाकर्ता ड्रग एडिक्ट था।

कोर्ट ने यह भी कहा कि भले ही याचिकाकर्ता ने अपने बयान में कई लोगों का नाम लिया हो, लेकिन केवल गौरव को एक आरोपी के रूप में रखा गया था और उसे भी छोड़ दिया गया था। 

न्यायालय ने कहा कि एनसीबी निर्णायक रूप से यह साबित करने में असमर्थ है कि इस मामले में खरीदार और आपूर्तिकर्ता कौन थे।

न्यायालय का निर्णय

साक्ष्यों से गुजरने के बाद, न्यायालय ने माना कि उचित आधार थे कि याचिकाकर्ता को मुकदमे में बरी किया जा सकता है, इसलिए अदालत ने याचिका की अनुमति दी, और उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया।

Case Details:-

Title:- Jay Haresh Somaiya vs NCB

Case No. Bail Application no. 602/2020

Date of Order:02.09.2020

Coram: Hon’ble Justice Vibhu Bakhru

Advocates: Mr Akshay Bhandari for the petitioner: Mr Subash Bansal for NCB

Read Order

Tags: delhi high courthigh court ordersndps

Related Posts

justice court
Law Trend -Hindi

टेंशन न लो सरकारी वकील बनवा देंगे और फिर…

January 15, 2021
Allahabad HIgh Court New
Law Trend -Hindi

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने टाइपिंग टेस्ट में शून्य और माइनस अंक पाने वालों के चयन पर महानिबंधक से मांगा जवाब

January 15, 2021
gavel 2021
Law Trend -Hindi

याचिकाकर्ता ने करी बाहरी जज से सुनवाई की मांग, कोर्ट ने ठोका 1 लाख रुपए का जुर्माना

January 14, 2021
apartment
Law Trend -Hindi

बिल्डरों के विरुद्ध फ्लैट खरीददारों की शिकायतें तीन माह में तय करने का निर्देश जारी

January 14, 2021
Justice Ajay Bhanot Allahabad HC
Law Trend -Hindi

SC/ST Act में जमानत अर्जी सात दिन के अंदर अदालत में पेश करें- इलाहाबाद हाईकोर्ट

January 14, 2021
Allahabad HC Drone View 2
Law Trend -Hindi

विवाहित पुत्री को भी अनुकंपा नियुक्ति पाने का अधिकार- इलाहाबाद हाईकोर्ट

January 14, 2021

POPULAR NEWS

  • advocate sticker fortuner

    Where is the Provision of Using Advocate Sticker on Vehicle?

    5006 shares
    Share 2002 Tweet 1252
  • What is the tenure of protection granted under Anticipatory Bail? :SC 5 Judges

    4798 shares
    Share 1918 Tweet 1199
  • Air Asia Crashes Against Gaurav Taneja; Court Says Airline Suppressed Facts

    4619 shares
    Share 1848 Tweet 1155
  • Husband-Wife Take Oath as High Court Judge

    3242 shares
    Share 1297 Tweet 811
  • Is Using Stickers of ‘‘Advocate’’ on Vehicle legally Allowed?

    3162 shares
    Share 1265 Tweet 791
Law Trend

Rabhyaa Foundation has started this platform on values enshrined in the Preamble of the Constitution of India. The object of this platform is to create informed citizens with recent legal updates, Judgments, Legislations of Parliament and State Legislatures, and views of experts in the field of law, in plain and pointed language, for the intellectual development of citizens.
Our tag line “The Line of Law” guides that this......
Read More

Follow Us On Social Media

Subscribe to our News Letter

Sign Up for weekly newsletter to get the latest news, Updates and amazing offers delivered directly in to your inbox.

Categories

  • Trending Stories
  • Court Updates
  • Columns
  • Bare Acts and Rules
  • Online Internship
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Terms of use
  • Contact Us

© 2020 Law Trends| All Right Reserved | Designed ByAaratechnologies Pvt Ltd

No Result
View All Result
  • Home
  • About Us
  • Trending Stories
  • Court Updates
  • Judgements
  • Law Trend – हिन्दी
  • Bare Acts and Rules
    • Central
    • State
      • Uttar Pradesh Acts
      • Uttar Pradesh Rules
      • Uttrakhand
      • DELHI
  • Webinar/Videos
  • Columns
  • Online Internship
  • More
    • Humour
    • Submit Judgment/Order/Posts
    • Quotes
    • Legal Dictionary
    • Courts Weblink
  • Android App
  • IOS APP

© 2020 Law Trends| All Right Reserved | Designed ByAaratechnologies Pvt Ltd

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Create New Account!

Fill the forms bellow to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In