इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सचिव उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग लखनऊ को 405 आबकारी आरक्षी पदों की भर्ती परीक्षा में याची को मिलने वाले अंकों पर कानून के तहत विचार कर दो माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने याची को नये सिरे से तीन हफ्ते में सचिव को प्रत्यावेदन देने तथा उसे निर्णीत करने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने प्रयागराज के विवेक कुमार की याचिका पर दिया है।
याची का कहना है कि 05 मई 2016 को आयोग ने भर्ती निकाली। याची को शारीरिक दक्षता परीक्षा में 20 अंक, गेंद फेंकने में 20 अंक मिले। याची ने 15.20 फीट लंबी कूद की। गाइडलाइंस के हिसाब से उसे 12 अंक मिलने चाहिए थे। किंतु कोई अंक नहीं दिया गया। याची साक्षात्कार में शामिल हुआ और जब चयन परिणाम जारी किया गया तो सूची में याची का नाम नदारद था। उसने सूचना अधिकार कानून में अर्जी दी। बताया गया कि उसने शारीरिक में 40 अंक व साक्षात्कार में 16 अंक कुल 56 अंक अर्जित किए हैं। जो सामान्य श्रेणी के कट आफ से कम है। यदि लंबी कूद के 12 अंक जोड़े जाते तो याची को 68 अंक मिलते और वह भी चयन सूची में शामिल होता।
याची ने प्रत्यावेदन दिया किंतु कोई कार्रवाई नहीं की तो हाईकोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने याचिका निस्तारित करते हुए सचिव को नियमानुसार निर्णय लेने का निर्देश दिया है।