पूर्व एससीबीए अध्यक्ष ने लाइब्रेरी को संग्रहालय में बदलने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती दी

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने पुराने जजों के पुस्तकालय को सार्वजनिक संग्रहालय में बदलने के सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट परिसर में नए राष्ट्रीय न्यायिक संग्रहालय और अभिलेखागार का उद्घाटन किया, जिसमें न्यायाधीशों और बार के सदस्य मौजूद थे।

बुधवार को मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ को संबोधित एक पत्र में सिंह ने न्यायालय में हाल ही में हुए बुनियादी ढांचे में बदलावों में कानूनी समुदाय की जरूरतों की अनदेखी को लेकर “गहरी पीड़ा और पीड़ा” व्यक्त की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि जजों के पुस्तकालय का स्थान, उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में है, जो इसे जनता के लिए सुलभ संग्रहालय में बदलने के लिए अनुपयुक्त बनाता है।

सिंह ने तर्क दिया कि बढ़ती एससीबीए सदस्यता को तत्काल एक समर्पित कैफेटेरिया, वर्कस्टेशन, टॉयलेट और कोर्ट रूम के पास एक अच्छी तरह से सुसज्जित पुस्तकालय जैसी सुविधाओं की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अधिवक्ताओं के लिए वर्तमान सुविधाएं या तो अपर्याप्त हैं या असुविधाजनक स्थान पर स्थित हैं, जिससे न्यायालय में कानूनी पेशेवरों के लिए दैनिक गतिविधियां जटिल हो जाती हैं।

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