दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह तिहाड़ जेल में चल रहे कथित वसूली रैकेट में संलिप्त जेल अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक जांच जल्द से जल्द पूरी करे और आवश्यक कार्रवाई करे।
मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने सरकार के विजिलेंस विभाग को दो सप्ताह के भीतर एक जांच अधिकारी नियुक्त करने का आदेश दिया।
पीठ ने यह आदेश तब पारित किया जब गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने अदालत को सूचित किया कि वे स्वयं विजिलेंस विभाग से इस मामले का अनुसरण करेंगे ताकि जांच अधिकारी की नियुक्ति शीघ्र हो सके और जांच जल्द पूरी की जा सके।
अदालत ने कहा, “जांच अधिकारी की नियुक्ति के बाद आरोपपत्र की तैयारी, उसकी स्वीकृति और जांच का निष्कर्ष भी इसी अल्प अवधि में पूरा किया जाए।”
अदालत एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें तिहाड़ जेल में अवैध गतिविधियों, भ्रष्टाचार और कदाचार को लेकर गंभीर चिंताएं जताई गई थीं। याचिका में आरोप लगाया गया था कि जेल के अंदर कैदियों और अधिकारियों की मिलीभगत से एक वसूली रैकेट संचालित किया जा रहा है।
अदालत ने कहा कि अब यह दिल्ली सरकार की जिम्मेदारी है कि वह जांच प्रक्रिया को पारदर्शी और जवाबदेह तरीके से पूरा करे।




