दिल्ली की एक अदालत ने आप सांसद स्वाति मालीवाल पर कथित हमले के मामले में अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार के खिलाफ दायर आरोप पत्र पर आधिकारिक रूप से संज्ञान लिया है। यह घटना कथित तौर पर 13 मई को मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर हुई थी। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गौरव गोयल ने अगली सुनवाई 24 अगस्त को निर्धारित की है, जब 500 पन्नों के आरोप पत्र में प्रस्तुत दस्तावेजों की जांच शुरू होगी।
आरोप पत्र में लगभग 50 गवाहों के बयान शामिल हैं, जिसमें कुमार के खिलाफ आरोपों के लिए घटनाओं का विवरण दिया गया है। उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों में अपराध के सबूतों को गायब करना, गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास, गलत तरीके से रोकना और कई अन्य आरोप शामिल हैं, जो एक महिला के खिलाफ हमला और आपराधिक बल पर केंद्रित हैं, जिसका उद्देश्य विशेष रूप से उसका अपमान करना और उसका अपमान करना है।
आरोप पत्र में उद्धृत प्रमुख साक्ष्यों में केजरीवाल के आवास से डिजिटल और नेटवर्क वीडियो रिकॉर्डिंग तथा कुमार का मोबाइल फोन और सिम कार्ड शामिल हैं। इन वस्तुओं को जब्त कर लिया गया है और ये चल रही जांच में महत्वपूर्ण हैं।
यह मामला पहली बार 16 मई को सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज होने के बाद प्रकाश में आया था, जिसके बाद 18 मई को कुमार की गिरफ्तारी हुई थी। शुरुआत में पांच दिनों के लिए पुलिस हिरासत में रखे गए कुमार की कानूनी कार्यवाही के दौरान उन्हें पुलिस और न्यायिक हिरासत के बीच घूमते देखा गया क्योंकि जांच जारी रही।
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आरोपों की गंभीरता को जांच दल का नेतृत्व करने के लिए एक महिला अतिरिक्त डीसीपी स्तर की अधिकारी की नियुक्ति से रेखांकित किया गया है, जो एक महिला सांसद द्वारा लगाए गए हमले के आरोपों से जुड़े मामले में संवेदनशील दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर देता है।