बॉम्बे हाई कोर्ट ने शहर पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज 2015 के धोखाधड़ी मामले के सिलसिले में कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर को जमानत दे दी है। इसके बावजूद, चंद्रशेखर दिल्ली की तिहाड़ जेल में ही रहेगा, जहां वह वर्तमान में कई अन्य मामलों में आरोपी के रूप में बंद है।
सिंगल बेंच के जस्टिस मनीष पिटाले ने गुरुवार को जारी अपने आदेश में इस बात पर प्रकाश डाला कि आरोपी मौजूदा अपराध के लिए सात साल से अधिक समय से हिरासत में है और अभी तक मुकदमा शुरू नहीं हुआ है। चंद्रशेखर को मई 2015 में भारतीय दंड संहिता और महाराष्ट्र जमाकर्ताओं के हितों के संरक्षण (वित्तीय प्रतिष्ठानों में) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था। उस पर ‘लायन ओक इंडियन’ नाम से एक फर्जी फर्म शुरू करने और 20 प्रतिशत मासिक रिटर्न और टाटा नैनो कार और सोने के सिक्के जैसे इनाम का वादा करने वाली कई निवेश योजनाएं शुरू करने का आरोप है।
चंद्रशेखर ने कथित तौर पर इस पोंजी स्कीम के जरिए 19 करोड़ रुपये जमा किए। अपनी याचिका में उन्होंने तर्क दिया कि उनके कथित अपराधों के लिए अधिकतम सजा सात साल है, जिसकी अवधि वह मुकदमे की प्रतीक्षा करते हुए पहले ही काट चुके हैं। विशेष एमपीआईडी अदालत द्वारा उनकी जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद, उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा
खटखटाया।
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जस्टिस पिटाले ने जमानत देते हुए, मुकदमे की शुरुआत किए बिना चंद्रशेखर की लंबी कैद पर गौर किया। अदालत का विस्तृत आदेश शुक्रवार को उपलब्ध कराया गया। हालाँकि, चंद्रशेखर की कानूनी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है, क्योंकि उन्हें विभिन्न मामलों में कई आरोपों का सामना करना पड़ रहा है।