एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, लखनऊ में सीबीआई की विशेष अदालत ने बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में सभी सात आरोपियों को दोषी ठहराया है। आरोपियों में अतीक अहमद और अशरफ भी शामिल थे, दोनों को मामले में नामित किया गया था और तब से पुलिस हिरासत में उनकी मृत्यु हो गई है।
अब दोषी ठहराए गए शेष आरोपियों में आबिद, फरहान, जावेद, अब्दुल कवी, गुल हसन, इसरार और रंजीत पाल शामिल हैं।
25 जनवरी 2005 को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में दिनदहाड़े हुई राजू पाल की हत्या ने प्रदेश को झकझोर कर रख दिया था। तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई, एक ऐसा अपराध जिसे व्यापक रूप से राजनीति से प्रेरित कृत्य माना गया।
इस जघन्य कृत्य को विधानसभा चुनाव में माफिया डॉन अतीक अहमद के भाई अशरफ पर राजू पाल की जीत से उपजी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था।
सभी सात आरोपियों को दोषी ठहराने का अदालत का फैसला लगभग दो दशकों से चले आ रहे मामले के अंत का प्रतीक है। उम्मीद है कि अदालत जल्द ही सजाओं की घोषणा करेगी, जिससे इसका लंबे समय से प्रतीक्षित निष्कर्ष निकलेगा जिसने क्षेत्र में अपराध और राजनीति के खतरनाक अंतरसंबंध को उजागर किया है।