बॉम्बे हाईकोर्ट ने तीन साल पुराने हिट-एंड-रन मामले की जांच में “लापरवाह रवैये” को लेकर मुंबई पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है और कहा है कि पुलिस नागरिकों से अपेक्षित मानकों पर खरा उतरने में नाकाम रही है।
न्यायमूर्ति रविंद्र घुगे और न्यायमूर्ति गौतम अंकड़ की खंडपीठ ने 3 सितंबर को पारित आदेश में कहा कि जांच “बेहद ढुलमुल” रही और इसमें तेजी केवल तब आई जब अदालत ने हस्तक्षेप किया। यह मामला 20 वर्षीय युवक की मौत से जुड़ा है, जो 17 अगस्त 2022 को मालाड में स्कूटर पर सवार था और एक तेज रफ्तार ट्रक की टक्कर से मारा गया।
पीड़ित की मां ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और आरोप लगाया कि पुलिस ने मामले में कोई गंभीर कार्रवाई नहीं की, ट्रक और उसका चालक अब तक नहीं मिले। अक्टूबर 2023 में पुलिस ने स्थानीय अदालत में “ए समरी” रिपोर्ट दाखिल कर दी थी, जिसमें कहा गया कि आरोपी की पहचान नहीं हो सकी।

लेकिन हाईकोर्ट की सख्ती के बाद पुलिस ने मामले को दोबारा खोला और पिछले महीने आरोपी चालक को गिरफ्तार किया। अब इस मामले में चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है। खंडपीठ ने कहा कि यह प्रगति केवल तब हुई जब अदालत ने पुलिस को संभावित परिणामों के प्रति आगाह किया।
“पिछले कई वर्षों से अपनाया गया ढीला रवैया गंभीर रूप से निंदनीय है,” अदालत ने कहा और जांच अधिकारी के आचरण को “चौंकाने वाला” बताते हुए कड़ी निंदा की। अदालत ने डीजीपी को निर्देश दिया कि संबंधित अधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की जाए, क्योंकि उसने कर्तव्य की घोर उपेक्षा और त्रुटिपूर्ण जांच की।
हाईकोर्ट ने निचली अदालत को भी निर्देश दिया कि मुकदमे की सुनवाई तेजी से की जाए और इसे एक साल के भीतर निपटाया जाए, ताकि न्याय में और देर न हो।