डॉक्टरों पर हमले के मामलों में ज़मानत देना खतरनाक स्थिति पैदा कर सकता है: केरल हाईकोर्ट

केरल हाईकोर्ट  ने हाल ही में उस व्यक्ति को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया जिसने अपनी पत्नी का परीक्षण करने वाले डॉक्टर पर हमला किया था। याचिकाकर्ता का आरोप था कि उक्त डॉक्टर ने पत्नी के साथ बदसलूकी की।

न्यायमूर्ति ए भधरुद्दीन की खंडपीठ ने कहा कि मौजूदा मामले में अग्रिम जमानत देने से खतरनाक स्थिति पैदा होगी क्योंकि डॉक्टरों को आम जनता की सुरक्षा और स्वास्थ्य नहीं मिलेगा।

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शिकायतकर्ता-डॉक्टर के अनुसार, जब वह आरोपी की पत्नी की जांच कर रहा था, आरोपी ने उसे थप्पड़ मारा और आरोप लगाया कि डॉक्टर ने उसकी पत्नी को अनुचित तरीके से छुआ।

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डॉक्टर की शिकायत के अनुसार, याचिकाकर्ता-आरोपी पर आईपीसी की संबंधित धाराओं और केरल हेल्थकेयर सर्विस पर्सन्स एंड हेल्थकेयर सर्विस इंस्टीट्यूशंस एक्ट, 2012 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

इसके बाद याचिकाकर्ता ने तत्काल गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका दायर की।

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न्यायालय के समक्ष, याचिकाकर्ता ने प्रस्तुत किया कि उसके खिलाफ आरोप झूठे हैं और उसने डॉक्टर के खिलाफ 354 आईपीसी की शिकायत भी दर्ज की है जो वर्तमान में लंबित है।

मामले के तथ्यों और गवाहों के बयानों को देखने के बाद खंडपीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ता के खिलाफ मामला बनता है और मामले में अग्रिम जमानत देने से खतरनाक स्थिति पैदा होगी।

तदनुसार, अदालत ने मामले में अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया।

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शीर्षक: जमशेद पीवी बनाम केरल राज्य

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