कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करने वाले वास्तव में अपना अपमान कर रहे हैं : हाईकोर्ट

कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने शुक्रवार को कहा कि अदालत के आदेशों की अवहेलना करने वाले वास्तव में अपना ही अपमान कर रहे हैं।

हाई कोर्ट के वकील सब्यसाची चटर्जी ने बिना किसी का नाम लिए न्यायमूर्ति मंथा को सूचित किया कि एक राजनेता ने गुरुवार को एक विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाने के आपके आदेश के बारे में प्रतिकूल टिप्पणी की है। एसआईटी में एक वर्तमान और दो सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी शामिल हैं। उत्तर दिनाजपुर जिले के कालियागंज में पिछले महीने एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले में एसआईटी गठित हुई है।

चटर्जी ने न्यायमूर्ति मंथा से पूछा कि क्या अदालत राजनेता की टिप्पणियों पर स्वत: संज्ञान लेकर मामला दायर कर सकती है।

इस पर जस्टिस ने कहा कि कुछ लोग वास्तव में अदालत के आदेशों पर टिप्पणी कर अपना अपमान कर रहे हैं। या तो वे इसे महसूस नहीं कर रहे हैं या इसे मानने से इनकार कर रहे हैं। यदि कोई अपना अपमान करता है, तो अदालत क्या कर सकती है? अदालत के लिए व्यक्तिगत रूप से सबक देना संभव नहीं है।

हालांकि उन्होंने इस संभावना से इनकार किया कि अदालत इस मामले में स्वत: संज्ञान लेकर मामला दायर करेगी।उन्होंने कहा कि हालांकि, अगर कोई इस मामले में याचिका दायर करता है, तो अदालत निश्चित रूप से उस पर विचार करेगी।

गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने सेवानिवृत्त आईजी पंकज दत्ता को एसआईटी के सदस्यों में शामिल किए जाने पर सवाल उठाया था। घोष के अनुसार, दत्ता टेलीविजन चैनलों में एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं जो हमेशा राज्य सरकार विरोधी रुख अपनाते हैं।

घोष ने यह चयन करने पर अदालत की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाया था।

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