धारा 498A आईपीसी भले ही गैर-शमनीय अपराध है परंतु समझौते के आधार पर प्राथमिकी को रद्द किया जा सकता है: हाईकोर्ट

हाल ही में, बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि धारा 498A जो गैर-शमनीय अपराध है, के मामले में प्राथमिकी को रद्द किया जा सकता है यदि यह शांति लाता है और न्याय को सुरक्षित करता है। न्यायमूर्ति विभा कंकनवाड़ी और न्यायमूर्ति राजेश एस पाटिल की पीठ भारतीय दंड संहिता की धारा 498A, 323, 504, 506

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