इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को लखनऊ के गोमतीनगर के विराम खंड इलाके में मोबाइल टॉवर के निर्माण पर रोक लगा दी। यह आदेश स्थानीय निवासियों द्वारा सुरक्षा और संरक्षा को लेकर जताई गई आशंकाओं के बाद दिया गया।
न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा और न्यायमूर्ति बी.आर. सिंह की खंडपीठ ने संजय कुमार राय एवं अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 23 सितम्बर तय की है।
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि विराम खंड-2 स्थित मकान संख्या C-2/200 के मालिक समीर सक्सेना ने अपनी भूमि पर मोबाइल टॉवर लगाने की अनुमति दी है और इस कार्य को इंडस टॉवर लिमिटेड कर रही है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता बी.के. सिंह ने दलील दी कि टॉवर लगाने के कार्य से आसपास के निवासियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है।

इसके साथ ही याचिकाकर्ताओं ने दूरसंचार (राइट टू वे) नियमावली, 2024 के नियम 15(4) की संवैधानिक वैधता को भी चुनौती दी है। उनका कहना है कि इस प्रावधान के तहत मोबाइल टॉवर लगाने से पहले सक्षम प्राधिकारी से एनओसी (No Objection Certificate) लेने की आवश्यकता समाप्त कर दी गई है, जो सार्वजनिक सुरक्षा के लिए आवश्यक था।
हाईकोर्ट ने दलीलों पर गौर करते हुए टॉवर निर्माण पर रोक लगाते हुए अगली सुनवाई तक यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया।