इंदौर की ट्रैफिक अव्यवस्था पर MP हाईकोर्ट सख्त, नियम तोड़ने वालों पर भारी जुर्माना लगाने की वकालत

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इंदौर में ट्रैफिक नियमों के खुलेआम उल्लंघन पर गहरी नाराज़गी जताते हुए कहा कि लोगों में ट्रैफिक के प्रति अनुशासन विकसित करने के लिए सख्त कदमों की ज़रूरत है, जिसमें नियम तोड़ने वालों पर भारी जुर्माना लगाना भी शामिल है।

यह टिप्पणी हाईकोर्ट की जस्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस बिनोद कुमार द्विवेदी की खंडपीठ ने ‘राजलक्ष्मी फाउंडेशन’ नामक सामाजिक संस्था द्वारा दायर जनहित याचिका (PIL) की सुनवाई के दौरान की।

याचिका में इंदौर शहर की खराब ट्रैफिक व्यवस्था की ओर अदालत का ध्यान आकर्षित किया गया था। सुनवाई के दौरान इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह, नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा और पुलिस आयुक्त संतोष कुमार सिंह अदालत में मौजूद रहे।

न्यायमूर्ति रूसिया ने कहा, “जैसा नागरिक बोध सफाई के प्रति विकसित हुआ है, वैसा ही ट्रैफिक नियमों के पालन को लेकर भी विकसित होना चाहिए। जब सफाई को लेकर पहले जुर्माना लगाया गया था, तब किसी अदालत ने उसमें हस्तक्षेप नहीं किया। उसी तरह की सख्ती ट्रैफिक व्यवस्था में क्यों नहीं अपनाई जा सकती?”

अदालत ने आगे कहा, “आपके राज्य में अब भी लोग बिना किसी डर के घूम रहे हैं — तीन लोग एक ही दोपहिया वाहन पर बिना हेलमेट के सवार होते हैं, वाहन कहीं भी पार्क कर देते हैं। जब तक ऐसे लोगों पर भारी जुर्माना नहीं लगाया जाएगा, तब तक ये समस्याएं खत्म नहीं होंगी।”

READ ALSO  कस्टडी की लड़ाई में इंदौर की अदालत ने कहा कि बालिका को यौवन के करीब पहुंचने पर मां की देखभाल में होना चाहिए

हाईकोर्ट ने इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव को इस मामले में एमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) नियुक्त किया है। उल्लेखनीय है कि राजनीति में सक्रिय होने से पहले भार्गव हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में अतिरिक्त महाधिवक्ता रह चुके हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए सख्त कदम उठाने की ज़रूरत है, विशेषकर ई-रिक्शा संचालन को लेकर केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों के अनुरूप स्पष्ट नियम बनाए जाएं।

READ ALSO  भारत में भ्रष्टाचार की गिरफ्त में आम आदमी, हर स्तर पर जवाबदेही तय करने की जरूरत: सुप्रीम कोर्ट

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अजय बगरिया ने पक्ष रखा, जबकि राज्य सरकार और इंदौर नगर निगम की ओर से भुवन गौतम ने दलीलें पेश कीं।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles