तेलंगाना हाईकोर्ट ने एक सरकारी आदेश (जी.ओ. संख्या 126, दिनांक 26 दिसंबर 2021) को रद्द कर दिया है, जिसके तहत इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन एंड मेडिएशन सेंटर (IAMC) को हैदराबाद के रेडीर्ग क्षेत्र में 3.70 एकड़ की प्रमुख सार्वजनिक भूमि आवंटित की गई थी। कोर्ट ने माना कि यह आवंटन सार्वजनिक कोष को आर्थिक क्षति पहुँचाने वाला है।
मुख्य न्यायाधीश के. लक्ष्मण और न्यायमूर्ति के. सुजाना की खंडपीठ ने यह फैसला अधिवक्ता कोटी रघुनाथ राव द्वारा दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए सुनाया। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि सरकार ने कीमती सार्वजनिक भूमि को IAMC को मुफ्त में देकर अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया और जनहित की अनदेखी की।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा:
“जी.ओ. संख्या 126, दिनांक 26.12.2021 को रद्द किया जाता है और इसके परिणामस्वरूप, सर्वे संख्या 83/1, रेडीर्ग गांव, सेरिलिंगमपल्ली मंडल, रंगा रेड्डी जिला में स्थित प्लॉट संख्या 27, माप 3.70 एकड़ भूमि, जो प्रतिवादी संख्या 4 अर्थात IAMC को आवंटित की गई थी, उसका आवंटन भी रद्द किया जाता है।”

IAMC की स्थापना भारत में संस्थागत मध्यस्थता और पंचाट को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी। मार्च 2022 में भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण ने इस केंद्र की आधारशिला रखी थी और दिसंबर 2021 में तत्कालीन मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के साथ मिलकर इसका उद्घाटन किया था।