एक महत्वपूर्ण फैसले में, गौहाटी हाईकोर्ट ने शुक्रवार को असम सरकार को निर्देश दिया कि वह असम लोक सेवा आयोग (APSC) की कथित कैश फॉर जॉब्स भर्ती घोटाले में बर्खास्त किए गए 2013 और 2014 बैच के 57 में से 52 सिविल, पुलिस और संबद्ध सेवा अधिकारियों को बहाल करे।
मुख्य न्यायाधीश कल्याण राय सुराणा और न्यायमूर्ति मालाश्री नंदी की खंडपीठ ने यह आदेश उन अधिकारियों द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पारित किया, जिनमें एकल न्यायाधीश द्वारा उनकी सेवा समाप्ति को बरकरार रखने वाले निर्णय को चुनौती दी गई थी।
कोर्ट ने पाया कि इन 52 अधिकारियों ने सेवा समाप्त होने से पहले अपनी परिवीक्षा अवधि पूरी कर ली थी और इसलिए उन्हें 50 दिनों के भीतर सेवा में पुनः बहाल किया जाना चाहिए। हालांकि, राज्य सरकार को यह छूट दी गई है कि बहाली के बाद 30 दिनों तक उन्हें कोई कार्यभार न सौंपे और आवश्यकता होने पर विभागीय जांच कर सके।

महत्वपूर्ण रूप से, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इन अधिकारियों को बर्खास्तगी की अवधि के लिए कोई वेतन या पिछला बकाया नहीं मिलेगा।
बता दें कि APSC भर्ती घोटाला 2016 में सामने आया था, जिसमें संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (CCE) में व्यापक अनियमितताओं का खुलासा हुआ। जांच के दौरान 70 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें तत्कालीन APSC अध्यक्ष राकेश कुमार पॉल और 57 सिविल सेवा अधिकारी शामिल थे, जिन पर कथित रूप से रिश्वत के जरिए नौकरी पाने का आरोप था।