केरल कोर्ट ने 2017 में परिवार की नृशंस हत्या के मामले में व्यक्ति को उम्रकैद की सजा सुनाई

केरल कोर्ट ने मंगलवार को कैडेल जीनसन राजा को अपने परिवार के चार सदस्यों की निर्मम हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई। यह घटना राज्य की राजधानी के निकट नंथनकोड में आठ वर्ष पहले घटी थी। फैसला तिरुवनंतपुरम की अतिरिक्त सत्र न्यायालय-6 के न्यायाधीश विष्णु के. ने सुनाया।

मामले में अभियोजन पक्ष ने राजा को मृत्युदंड देने की मांग की थी, जिसे अदालत ने अस्वीकार कर दिया। मामले के विशेष लोक अभियोजक दिलीप सत्यन ने बताया, “अदालत ने चारों हत्याओं के लिए अलग-अलग उम्रकैद की सजा सुनाई, जो एक साथ चलेगी।”

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इसके अतिरिक्त, राजा को भारतीय दंड संहिता की धारा 436 (घर को आग या विस्फोटक पदार्थ से नष्ट करने का इरादा) के तहत सात साल और धारा 201 (सबूत नष्ट करने) के तहत पांच साल की सजा सुनाई गई। अदालत ने आदेश दिया कि ये दोनों सजाएं एक के बाद एक पूरी की जाएंगी, यानी कुल 12 वर्ष की सजा पूरी करने के बाद उम्रकैद प्रारंभ होगी।

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अदालत ने राजा पर ₹15 लाख का जुर्माना भी लगाया और यह राशि उसके मामा को देने का निर्देश दिया। मामले का विस्तृत निर्णय अभी आना बाकी है।

यह वीभत्स घटना 9 अप्रैल 2017 को हुई थी, जब प्रोफेसर ए राजा थंकम, उनकी पत्नी डॉ. जीन पद्मा (58), बेटी कैरोलिन (26) और रिश्तेदार ललिता (70) मृत पाए गए थे। यह घर मुख्यमंत्री आवास के पास बेंस कॉम्पाउंड में स्थित था।

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पुलिस जांच के अनुसार, राजा ने अपने माता-पिता, बहन और रिश्तेदार की पूर्व नियोजित और क्रूर तरीके से हत्या की थी। घटना के दो दिन बाद गिरफ्तार किए गए राजा ने बाद में दावा किया कि पैरासाइकोलॉजी और एस्ट्रल प्रोजेक्शन जैसे सिद्धांतों से प्रभावित होकर उसने ऐसा किया, लेकिन अभियोजन पक्ष ने इसे सजा से बचने का बहाना बताया।

पुलिस के अनुसार, राजा का प्रारंभिक उद्देश्य केवल अपने पिता की हत्या करना था, जो कथित तौर पर लंबे समय से उपेक्षा का शिकार थे, लेकिन बाद में उसने अन्य तीनों की भी हत्या कर दी।

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