निठारी हत्याकांड में सुरेंद्र कोली को बरी किए जाने के खिलाफ दायर याचिकाओं की समीक्षा सुप्रीम कोर्ट 25 मार्च को करेगा

सुप्रीम कोर्ट 2006 के कुख्यात निठारी सीरियल हत्याकांड में सुरेंद्र कोली को बरी किए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 25 मार्च को सुनवाई करेगा। यह फैसला पिछले साल इलाहाबाद हाईकोर्ट के विवादास्पद फैसले के बाद आया है, जिसमें कोली को इन जघन्य घटनाओं से जुड़े कई मामलों में सभी आरोपों से बरी कर दिया गया था।

सुनवाई की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति जॉर्ज मसीह को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आरोपों की गंभीर प्रकृति के बारे में बताया, जिसमें उत्तर प्रदेश के निठारी में कई बच्चों और महिलाओं के साथ बलात्कार और हत्या शामिल है। सुप्रीम कोर्ट  ने ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड को तेजी से पेश करने का आदेश देकर प्रक्रिया को तेज कर दिया है, ताकि सभी पक्षों को आवश्यक दस्तावेजों तक पहुंच मिल सके।

READ ALSO  Plea for Page Limits on Petitions: SC says difficult to frame one size fits all direction

कोली को बरी किए जाने के खिलाफ याचिकाएं केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पेश की गई हैं, जो 2010 में दी गई मौत की सजा को पलटने के हाईकोर्ट के फैसले पर जनता और सरकार के आक्रोश को दर्शाती हैं। हाईकोर्ट ने प्रारंभिक जांच की आलोचना करते हुए इसे “सार्वजनिक विश्वास के साथ विश्वासघात” बताया था, जिसमें कोली और उसके सह-आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर के अपराध को “उचित संदेह से परे” साबित करने के लिए निर्णायक सबूतों की कमी का हवाला दिया गया था।

इस मामले में पिछले कुछ वर्षों में कई कानूनी मोड़ और उलटफेर हुए हैं, जिसमें कोली को 2010 में मौत की सजा सुनाई गई थी, जबकि पंढेर को कुछ मामलों में बरी कर दिया गया था, लेकिन अन्य मामलों में उसे मौत की सजा का सामना करना पड़ा। दोनों की सजा पर सवाल उठाए गए और कुछ मामलों में हाईकोर्ट ने उन्हें पलट दिया।

READ ALSO  कानून के शिकंजे से बचने के लिए पुलिस अधिकारियों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करने वालों के खिलाफ गंभीर कार्रवाई की जाये: हाईकोर्ट

निठारी कांड पहली बार 29 दिसंबर, 2006 को पंढेर के घर के पास एक नाले में बच्चों के कंकालों की भयावह खोज के साथ प्रकाश में आया था। बाद की खोजों में आस-पास के नालों में और भी अवशेष मिले, जो हिंसक घटनाओं की एक श्रृंखला की ओर इशारा करते हैं जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। अवशेषों के मिलने के तुरंत बाद सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ले ली और उनके निष्कर्षों ने कोली और पंढेर के खिलाफ कई आरोप लगाए।

READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गाजियाबाद की अदालत द्वारा समन को चुनौती देने वाली पत्रकार राणा अय्यूब की याचिका खारिज कर दी
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles